लखनऊ: यूपी बोर्ड रिजल्ट 2020 में काफी कुछ नया देखने को मिलने वाला है. पहली बार यूपी बोर्ड में 10वीं और 12वीं का रिजल्ट लखनऊ से घोषित किया जा रहा है और पहली बार मार्कशीट में कई बदलाव देखने को मिलेंगे. स्क्रूटनी के आवेदन को लेकर भी बदलाव किया गया है. यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा 2020 का रिजल्ट 27 जून यानी रविवार को घोषित होगा. रिजल्ट डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा लखनऊ के लोकभवन से जारी करेंगे.
पहली बार अंक-प्रमाणपत्र में हिंदी में भी होगा नाम
इस बार अंकपत्र और प्रमाणपत्र में परीक्षार्थी और उनके माता-पिता के नाम अंग्रेजी के साथ ही हिंदी में भी लिखे होंगे. इस बार परीक्षार्थियों की सहूलियत को ध्यान में रखकर अंकपत्र में कई तरह के बदलाव किए गए हैं. ये व्यवस्था माध्यमिक शिक्षा परिषद ने हाइकोर्ट के एक आदेश के क्रम में लागू की है. दरअसल, पिछले साल एक परीक्षार्थी के नाम की स्पेलिंग में गड़बड़ी को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी. मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने आदेश दिया कि सभी परीक्षार्थियों के नाम अंग्रेजी के साथ अब हिंदी में भी लिखे जाए. कोर्ट के इसी आदेश का अनुपालन इस साल अंक व प्रमाणपत्र में होने जा रहा है. इस बार अंक व प्रमाणपत्र में परीक्षार्थी के साथ-साथ उसके माता-पिता का नाम भी अंग्रेजी व हिंदी दोनों में लिखा होगा.
पहली बार 12वीं में भी कम्पार्टमेंट की व्यवस्था
यूपी बोर्ड में पहली बार हाईस्कूल की तर्ज पर इंटरमीडिएट में भी कम्पार्टमेंट की व्यवस्था लागू की जा रही है. जिसका मतलब है कि 12वीं का अगर कोई छात्र किसी एक विषय में फेल हो जाता है, तो वो अलग से उस विषय की परीक्षा दे सकता है. इससे उसका पूरा साल बर्बाद नहीं होगा. यूपी बोर्ड प्रशासन सचिव नीना श्रीवास्तव ने इसको लेकर बताया कि 12वीं के उन परीक्षार्थियों के अंकपत्र में ही कंपार्टमेंट प्रिंट करा दिया जाएगा, ताकि वो इसके लिए आसानी से आवेदन कर सकें. शासन के आदेश के बाद ये फैसला लिया गया है.
पहली बार ऑनलाइन स्क्रूटनी के आवेदन की व्यवस्था
इसी तरह पहली बार अंकपत्र पर स्क्रूटनी के लिए आवेदन करने की तारीख का जिक्र करने की भी तैयारी की गई है. इससे पहले तक परिणाम घोषित होने के बाद बोर्ड द्वारा स्क्रूटनी के आवेदन की तारीख घोषित की जाती थी. इस बार तारीख अंकपत्र में ही लिखी होगी. इससे परीक्षार्थी अपनी सुविधा से स्क्रूटनी के लिए आवेदन कर सकेगा. इतना ही नहीं, इस बार बोर्ड प्रसाशन ने ऑनलाइन स्क्रूटनी के आवेदन की भी व्यवस्था की है. पहले स्क्रूटनी का आवेदन ऑफलाइन होता था. स्क्रूटनी की हालांकि, स्क्रूटनी की व्यवस्था ऑनलाइन होने के चलते आवेदन के समय को कम किया जाने का फैसला लिया गया है. ऑफलाइन स्क्रूटनी के आवेदन के लिए 30 दिन का वक्त मिलता था, लेकिन अब 25 दिन का समय मिल सकता है.
कितने छात्रों ने दी परीक्षा
इस साल यूपी बोर्ड के हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा में कुल 51 लाख 30 हजार 481 परीक्षार्थी शामिल हुए थे. हाईस्कूल में 27 लाख 44 हजार 976, जबकि इंटरमीडिएट में 23 लाख 85 हजार 505 परीक्षार्थियों ने परीक्षा दी थी.
- इस साल यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा में कुल 56 लाख 11 हजार 72 परीक्षार्थी पंजीकृत थे.
- इनमें से चार लाख 80 हजार 591 परीक्षार्थी बोर्ड परीक्षा में शामिल नहीं हुए.
- हाईस्कूल की परीक्षा के लिए कुल 30 लाख 24 हजार 632 परीक्षार्थी पंजीकृत हुए थे, जिसमें 2 लाख 79 हजार 656 परीक्षार्थियों ने परीक्षा नहीं दी.
- वहीं, इंटरमीडिएट में 25 लाख 86 हजार 440 परीक्षार्थी पंजीकृत हुए थे, जिसमें 2 लाख 935 परीक्षार्थी परीक्षा में नहीं बैठे.
- नकल की सख्ती के चलते इस बार करीब साढ़े चार लाख से ज्यादा परीक्षार्थियों ने परीक्षा छोड़ी.
कोरोना के चक्कर में मूल्यांकन में हुई देरी
हमेशा की तरह ही इस बार भी यूपी बोर्ड की 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं तय समय पर ही हुईं थी. मूल्यांकन का कार्य भी तय समय पर ही शुरू हुआ, लेकिन कोरोना के संकट के चलते मूल्यांकन कार्य को रोकना पड़ा. उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन इसी महीने पूरा हुआ, जिसके बाद रिजल्ट की तारीख घोषित की गई.
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