UP Board Results 2020: लगातार तीसरे साल हिंदी में हुए सबसे अधिक छात्र फेल, इस साल आठ लाख पहुंची संख्या
इस साल के यूपी बोर्ड रिजल्ट में देश के सबसे बड़े हिंदी- भाषी राज्य में करीब 8 लाख स्टूडेंट्स हिंदी में फेल हैं. लगातार तीसरे साल ऐसा हुआ है.
UP Board Results 2020, 8 Lakh Students Failed In Hindi: शनिवार को जब यूपी बोर्ड 10वीं और 12वीं का रिजल्ट डिक्लेयर हुआ तो बाकी आंकड़ों के साथ एक और आंकड़ा सामने आया और वो है हिंदी विषय में सबसे अधिक फेल स्टूडेंट्स का. इसी के साथ पिछले दो साल से चला आ रहा यह क्रम इस बार भी नहीं टूटा. इस साल यूपी बोर्ड की परीक्षाओं में करीब 8 लाख स्टूडेंट्स हिंदी में फेल हुए हैं. इसे अलग-अलग करके बताएं तो क्लास 12 में 2.70 और क्लास 10 में 5.28 लाख स्टूडेंट्स इस साल हिंदी विषय की परीक्षा पास नहीं कर पाए. यही नहीं बोर्ड के अधिकारियों के मुताबिक करीब 2.39 लाख स्टूडेंट्स हिंदी के पेपर में एब्सेंट हो गए. इससे ये पता चलता है कि हिंदी के पेपर को स्टूडेंट्स कितनी वैल्यू देते हैं. देखा जाए तो यह आंकड़ा देश के सबसे बड़े हिंदी भाषी प्रदेश के लिए अच्छा नहीं है. इससे साफ पता चलता है कि आने वाले दिनों में हिंदी की क्या स्थिति होने वाली है.
पिछले साल करीब दस लाख हुए थे फेल –
इस साल हिंदी का रिजल्ट पिछले दो सालों से कुछ खास अलग नहीं है. पिछले साल यानी 2019 में कुल 10 लाख स्टूडेंट्स हिंदी विषय में फेल हुए थे. ये स्टूडेंट्स दसवीं और बारहवीं दोनों क्लासेस के थे. दसवीं में करीब 5.74 लाख यानी जितने छात्रों ने परीक्षा दी थी का कुल 19 प्रतिशत और बारहवीं में 1.93 लाख स्टूडेंट्स हिंदी विषय की परीक्षा पास नहीं कर पाए थे. इसके साथ ही 2.3 लाख स्टूडेंट्स जनरल हिंदी के पेपर में फेल हुए थे.
इसी तरह साल 2018 में कुल 11 लाख स्टूडेंट्स हिंदी की परीक्षा पास नहीं कर पाए थे. इस तरह हम देख सकते हैं कि यह संख्या थोड़ा कम तो हुयी है पर ओवलऑल इसे अभी भी हिंदी के लिए अच्छी स्थिति नहीं कहा जा सकता. अब इस साल जो स्टूडेंट्स फेल हुए हैं अगर वे मिनिमम क्राइटेरिया फिल करते हैं तो उन्हें सप्लीमेंट्री एग्जाम देकर हिंदी में पास होने की एक और कोशिश कर सकते हैं.
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