मूल्यांकन में देरी के कारण अब यूपी बोर्ड 10वीं और 12वीं कक्षा की परीक्षाओं का परिणाम घोषित होने में देरी हो सकती है. ऐसे में यूपी बोर्ड की परीक्षाथियों को अपने रिजल्ट के लिए जून के तीसरे / चौथे सप्ताह तक इंतजार करना पड़ा सकता है.
इससे पहले उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने 17 अप्रैल को वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से संबंधित अधिकारियों को 25 अप्रैल से उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया था. उनकी यह इच्छा थी कि 10वीं और 12वीं बोर्ड की कापियों का मूल्यांकन जल्दी कराकर परिणाम को समय से घोषित कर दिया जाये. परन्तु प्रदेश में वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए यह कार्य संभव नहीं है.
आपको बतादें कि प्रदेश में 3 मई तक लॉक डाउन लागू किया गया है. इसके बावजूद एक तिहाई कर्मचारियों के साथ बोर्ड का कार्यालय 20 अप्रैल 2020 से खुल गया था. बोर्ड के सामने इस समय सबसे महत्वपूर्ण कार्य प्रदेश के करीब 275 केंद्रों पर 3.10 करोड़ से अधिक कॉपियों का मूल्यांकन करके रिजल्ट तैयार करना है. इसके चलते अब इन कार्यों में दोगुना समय लग सकता है. ऐसे में बोर्ड का रिजल्ट जून के दूसरे सप्ताह के पहले घोषित कर पाना मुश्किल है.
कोरोना वायरस के कारण जो हालात राज्य में बने हुए हैं उन्हें देखते हुए उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन कार्य संपन्न होने में 20 से 25 दिन का समय लगाने का अनुमान है. जिन स्कूलों को मूल्यांकन केंद्र बनाये गए हैं वहां बैठने की जगह सीमित है. पहले एक बेंच पर 4- 4 परीक्षक बैठकर कापियों का मूल्यांकन करते थे. परन्तु केंद्र सरकार की नई गाइडलाइन्स के अनुसार दो परीक्षकों के मध्य कम से कम दो मीटर की दूरी रखनी होगी.
प्रदेश के कुछ जिलों में यह कार्य और मुश्किल है क्योंकि कुछ मूल्यांकन केंद्र तो हॉटस्पॉट एरिया में स्थित हैं. जहाँ मूल्यांकन कार्य असंभव है.
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