उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में मूर्ति विसरजन के दौरान हुए विवाद के बाद एक युवक की हत्या से शुरू हुई हिंसा के दौरान पिछले चौबीस घंटे से एक वीडियो सोशल मीडिया पर खासा वायरल है. इस वीडियो में एक पुलिस अ​धिकारी हाथ में पिस्टल लेकर भीड़ को खदेड़ने के लिए ललकारता हुआ दिख रहा है. वीडियो वायरल होने के बाद से इस अ​धिकारी को लेकर सोशल मीडिया पर तमाम तरह की प्रक्रियाएं सामने आ रही हैं.


इस अ​धिकारी का नाम है अमिताभ यश. यूपी कैडर के 1995 बैच के आईपीएस अ​धिकारी अमिताभ योगी सरकार में खासे चर्चा में हैं. कारण, चाहे बतौर एसटीएफ चीफ उनकी टीम के एनकाउंटरों को लेकर या फिर एडीजी लॉ एंड ऑर्डर के रूप में पिस्टल लेकर भीड़ को दौड़ाते हुए. तो आइये जानते हैं अमिताभ यश के बारे में.



 

कौन हैं अमिताभ यश

मूल रूप से बिहार के भोजपुर जिले के रहने वाले अमिताभ यश 1996 बैच के आईपीएस अ​धिकारी हैं. उनके पिता रामयश सिंह भी बिहार कैडर के आईपीएस अफसर थे और डीआईजी के पद से रिटायर हुए थे. वर्तमान में अमिताभ यश एडीजी स्पेशल टास्क फोर्स एसटीएफ के साथ-साथ एडीजी लॉ एंड ऑर्डर की दोहरी जिम्मेदारी संभाल रहे हैं.


 

कप्तान बनते ही जिला छोड़ देते थे अपराधी

अमिताभ यश को शुरूआती दौर से ही अपरा​धियों के बीच में एक बेहद सख्त अ​धिकारी के तौर पर शोहरत हासिल थी. कहते हैं कि शुरूआती दौर में ही एनकाउंटर स्पेशलिस्ट और अपराधी को उसके ही तरीके से ठीक करने की उनकी शैली थी. उनका लंबा समय स्पेशन टास्क फोर्स में ही गुजरा. लेकिन जब जब जिलों में बतौर कप्तान भेजे गए, उन जिलों के अपराधी या तो जिले छोड़कर भाग गए या फिर जमानत तुड़वाकर जेल में बंद हो गए।

 

पिता जहां तैनात रहते, वहीं करते पढ़ाई

11 अप्रैल 1971 को जन्मे अमिताभ यश के पिता पुलिस में थे इसलिए उनके बचपन का बड़ा हिस्सा पुलिस वालों के बीच ही बीता. एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि कई बार तो बचपन में उनकी पढ़ाई-लिखाई पुलिस स्टेशन में ही होती थी. इस दौरान कई पुलिस कर्मी पढ़ाई में उनकी मदद करते थे. यही वजह रही कि बचपन से ही उनका जुड़ाव पुलिस से हो गया. ये और बात है कि उनके पिता अमिताभ को पुलिस से दूर रखना चाहते थे, लेकिन यूपीएससी पास करके जब वह आईपीएस बने, तो पिता से ही उन्हें काफी सीखने को मिला.

 


IIT कानपुर से की पढ़ाई

शुरुआती पढ़ाई के बाद अमिताभ यश ने दिल्ली से अपनी हायर एजुकेशन पूरी की. दिल्ली यूनिवर्सिटी के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से ग्रेजुएशन करने के बाद उनका चयन आईआईटी कानपुर में हो गया जहां से उन्होंने केमिस्ट्री में मास्टर्स की डिग्री ली. इसके बाद उन्होंने वर्ष 1996 में यूपीएससी परीक्षा पास की और आईपीएस बन गए.

 

ददुआ समेत कई अपरा​धियों का किया सफाया

अमिताभ यश को बतौर एसपी पहली पो​स्टिंग संतकबीरनगर जिले में मिली. 11 महीने के कार्यकाल के बाद उनका तबादला बाराबंकी के लिए हो गया. इसके बाद वह हरदोई, जालौन जैसे छोटे जिलों से लेकर मुरादाबाद, नोएडा और कानपुर जैसे बड़े जिलों में बतौर एसपी और एसएसपी तैनात रहे. 2007 में उन्‍हें एसटीएफ का एसएसपी बनाया गया. इसी दौरान उन्‍होंने कुख्‍यात डकैत ददुआ गिरोह का सफाया किया. 2017 में आईजी एसटीएफ, फिर जनवरी 2021 में एडीजी एसटीएफ बन गए. वर्तमान में वह एडीजी लॉ एंड ऑर्डर की जिम्‍मेदारी संभाल रहे हैं.

 


 



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