UPSC टॉपर: पिता के एक शेर ने कैसे बदल दी IAS टॉपर सिद्धार्थ जैन की जिंदगी
सिद्धार्थ ने पांचवें प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा पास की है और अपने राज्य का नाम रोशन किया है.
नई दिल्ली: राजस्थान के सवाई मादोपुर के सिद्धार्थ जैन ने यूपीएससी की परीक्षा में 11वीं रैंक हासिल की है. सिद्धार्थ कोल इंडिया में फाइनेंस मैनेजर थे और आईएएस बनाना चाहते थे. सिद्धार्थ ने पांचवें प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा पास की है और अपने राज्य का नाम रोशन किया है. सिद्धार्थ ने चार्टर्ड अकाउंटेंटे के साथ- साथ कंपनी सेक्रेटरी का कोर्स भी किया है.
पांचवी बार में सिद्धार्थ ने पास की परीक्षा
एबीपी न्यूज के खास प्रोग्राम टॉपर्स सम्मेलन में सिद्धार्थ ने परीक्षा को लेकर कहा कि, '' शुरू से ही मेरा ये सपना था कि मुझे आईएस बनना है. हौंसला तो था ही साथ में चुनौतियां भी काफी थी. मेरा सफर काफी लंबा था क्योंकि ये मेरा पांचवा प्रयास था. घरवालों से मुझे काफी स्पोर्ट मिला. इससे पहले एक बार मैं इंटरव्यू तक पहुंचा था जहां मुझे ये लगा था कि ' चलो इस बार तो मेरा सेलेक्शन हो ही जाएगा' तब मैं नौकरी करता था और मेरा उस समय सेलेक्शन नहीं हुआ.
पिताजी ने अंत तक साथ दिया: सिद्धार्थ
सिद्धार्थ ने बताया कि परीक्षा में पास न होने के बाद मैं घर गया और खूब रोया. इसके बाद पिताजी ने मुझसे बात की और मुझे एक शेर सुनाया. शेर कुछ इस प्रकार था कि, ' हमने तबदीर से अपने तकदीर बदल दी वो ज्योतिषियों को अपना हाथ दिखाने में लग गए.' सिद्धार्थ ने आगे कहा कि उन्होंने नौकरी छोड़ने के बाद मैंने अपना लक्ष्य निर्धारित किया.''
प्रेरणाहीन होना स्वाभाविक: सिद्धार्थ
सिद्धार्थ ने स्टूडेंट्स के फेल होने पर कहा कि, '' प्रेरणाहीन होना स्वाभाविक है और ऐसे समय में हमें हार नहीं मानना चाहिए. हमें अपने आप को सुधारना चाहिए, लक्ष्य को निर्धारित करें तभी कामयाबी मिली. हर फिल्ड में आपको चुनौतियां मिलेंगी.''
प्रेरणा के लिए देखा करता था वीडियो: सिद्धार्थ
सिद्धार्थ से जब इस बारे में पूछा गया कि वो मोटिवेट होने के लिए क्या करते थे, इसके जवाब में सिद्धार्थ ने कहा कि, '' मैं अपने आप को मोटिवेट रखने के लिए प्रेरणादायक वीडियो देखा करता था. अपने दोस्तों और परिवारवालों से बात किया करता था. मेरे दोस्तों ने हमेशा मेरा स्पोर्ट किया. अंदर से मुझे ये लगता था कि मैं ये कर लूंगा.
झरनों से मधुर संगीत न निकलता अगर उनकी राह में पत्थर न होते
सिद्धार्थ ने अपनी चुनौतियों को लेकर कहा कि, ''मैं शुरू से ही लक्ष्य आधारित पढ़ाई करता था. मैं ये नहीं सोचता था कि मैं कितने घंटे पढ़ रहा हूं. रोजाना नए टारगेट सेट करता था और अगली सुबह उठ कर देखता था कि मैंने उसमें से कितने टारेगट पूरे किए. मैंने पूरी किताब पढ़ी. मैंने आत्ममंथन बहुत किया. समाज से जुड़ा. रात को पार्क में जाकर सोचा करता था कि क्या बेहतर हो सकता हैं. हमेशा ज्यादा लिखने की कोशिश की.'' आपको बता दें कि सिद्धार्थ के विषय कॉमर्स और अकाउंटेंसी था.
कैसा था सिद्धार्थ का इंटरव्यू
सिद्धार्थ ने कहा कि, '' मेरे विषयों को लेकर मुझसे सवाल पूछा गया. मुझे परखा गया. मुझसे कई तरह के विषयों के बारे में बात की. शुरूआत में न्यूमेरिकल दिया गया. और पूछा गया कि कैसे दो अर्थव्यवस्थाओं की तुलना कर सकते थे. तो वहीं ये भी पूछा गया कि क्यों आपने नौकरी छोड़ी? मेरा इंटरव्यू साधारण सा हुआ था.''
तैयारी के दौरान सोशल मीडिया से कैसे बचें?
इसपर सिद्धार्थ ने जवाब देते हुए कहा कि, '' ये आप पर निर्भर करता है कि आप सोशल मीडिया पर क्या देखते हैं और अपने आप को वहां कैसे पेश करते हैं. तैयारी के दौरान मुझे सोशल मीडिया से काफी मदद मिली. आप बिना अपना अकाउंट डिएक्टिवेट किए भी यूपीएससी की परीक्षा पास कर सकते हैं.''
यहां देखें सिद्धार्थ का पूरा इंटरव्यू:
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