राजस्थान के जयपुर के एक छोटे से गांव श्यामपुरा में रहने वाले मनोज कुमार रावत ने UPSC के एग्जाम में 824 रैंक हासिल किया है. लेकिन मनोज के इस बड़ी कामयाबी को हासिल करने की कहानी किसी बॉलीवुड फिल्म की कहानी से कम नहीं है.


मनोज कुमार रावत महज 19 साल की उम्र में पुलिस कांस्टेबल बन गए थे. लेकिन फिर उन्होंने साल 2013 में अपनी इस नौकरी को छोड़ने का फैसला किया. जब मनोज कुमार ने ये नौकरी छोड़ी थी तो हर कोई उनके इस फैसले को गलत बता रहा था. पर अब सबको गलत साबित करते हुए 29 साल के मनोज ये कामयाबी हासिल करते हुए IPS बन सकते हैं.


मनोज ने कहा है, ''मैं एक मिडिल क्लास परिवार से आता हूं और मैं बचपन से ही जानता था कि जिंदगी में मिलने वाले मौकों को कैसे भुनाना है.'' उन्होंने आगे कहा, ''मेरे छोटे भाई को भी पुलिस में नौकरी मिलने के बाद मैंने सिविल सर्विस की तैयारी के लिए अपनी नौकरी छोड़ने का फैसला किया था.''


UPSC का ये एग्जाम क्लियर करने से पहले मनोज कुमार को पुलिस की नौकरी सहित तीन सरकारी नौकरियां मिल चुकी थीं. उन्होंने बताया, ''पुलिस की नौकरी छोड़ने के बाद 2014 में मुझे लोअर डिविजन क्लर्क की नौकरी मिली. फिर उसके बाद मेरी नौकरी CISF में भी लगी.  मेरा सपना सिविल सर्विस एग्जाम को क्लियर करने का ही था, इसलिए मैंने उन दोनों नौकरियों को ज्वाइन नहीं किया.''


रावत का कहना है, ''मुझे सनी देओल की फिल्म 'इंडियन' से IPS ऑफिसर बनने की प्रेरणा मिली थी. कांस्टेबल की नौकरी मुझे कानून के सिस्टम को जानने में काफी मदद मिली.'' इतना ही नहीं रावत जूनियर रिसर्च फेलोशिप में PhD के लिए भी सिलेक्ट हो चुके हैं.


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