UPSC 2018: महिलाओं में सृष्टि देशमुख बनीं टॉपर, बचपन से बनना चाहती थीं कलेक्टर, इन सफल कैंडिडेट्स से जानें उनकी कहानी
यूपीएससी दफ्तर के बाहर शाम से ही परीक्षा देने वाले कैंडिडेट्स की भीड़ जमा थी, सबकी बेचैनी देखते ही बन रही थी. कई घंटों के लंबे इंतेज़ार के बाद शाम करीबन 7 बजे रिजल्ट घोषित हो गया.
UPSC Civil Services Result 2018: भोपाल की सृष्टि देशमुख ने सिविल सर्विसेस परीक्षा में पांचवा स्थान और महिला वर्ग में पहला स्थान प्रप्त किया है. सृष्टि इंजीनियरिंग ग्रेजुयेट हैं और पहली बार में ही बड़ी सफलता पाई हैं, वह बचपन से ही कलेक्टर बनना चाहती थीं. वहीं आईआईटी बंबई से बीटेक की पढ़ाई करने वाले कनिष्क कटारिया ने सिविल सेवा 2018 की फाइनल परीक्षा में शीर्ष स्थान हासिल किया है.
Madhya Pradesh: Family of Srushti Jayant Deshmukh, all India rank 5 and topper among women candidates in #UPSC final exam, celebrate at their residence in Bhopal. This was her first attempt at taking the exam. She says, "It was my childhood dream." pic.twitter.com/z6iKGTsGF0
— ANI (@ANI) April 5, 2019
यूपीएससी दफ्तर के बाहर शाम से ही परीक्षा देने वाले कैंडिडेट्स की भीड़ जमा थी, सबकी बेचैनी देखते ही बन रही थी. कई घंटों के लंबे इंतेज़ार के बाद शाम करीबन 7 बजे रिजल्ट घोषित हो गया. जैसे ही कैंडिडेट्स ने नोटिस बोर्ड पर अपना नाम देखा वो खुशी से झूमने लगे. एबीपी न्यूज़ ने मौके पर पहुंच और कई कैंडिडेट्स से बात की.
72 रैंक हांसिल करने वाले दिलीप प्रताप शेखावत का कहना है कि वो राजस्थान, मध्यप्रदेश में गरीबी कम करने के लिए काम करना चाहेंगे. वो अपनी इस जीत का श्रेय मां को देते हैं जिनके विश्वास ने उन्हें आज आईएएस अफ़सर बनाया.
89 रैंक हांसिल करने वाले सावंत कुमार कहते हैं कि नियमितता उनकी जीत का मंत्र है. वह हर रोज़ 6 से 7 घंटो तक पढ़ते थे और तीन साल तक ये आदत उन्होंने कभी नही छोड़ी.
176 रैंक हांसिल करने वाले लक्षमण तिवारी ने केवल 22 साल की उम्र में आईपीएस पद हासिल किया है. खास बात ये है कि लक्षण का यह पहला एटेम्पट था जिसमे उन्हें सफलता हांसिल हुई है साथ ही सिविल परीक्षा की तैयारी के लिए उन्होंने किसी तरह की कोचिंग का सहारा नहीं लिया और सेल्फ स्टडी पर पूरा भरोसा किया.
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