नई दिल्ली: देश के सबसे प्रतिष्ठित और कठिन परीक्षा, UPSC के नतीजे आ गए हैं. UPSC की परीक्षा में इस बार कर्नाटक की नंदिनी के आर ने टॉप किया है. उनका इस बार ये चौथा प्रयास था. उन्होंने अपनी सफलता का सारा श्रेय अपने मां-बाप को दिया हैं. बेंगलूरू में नंदिनी के माता-पिता भी इस खुशी से फूले नहीं समा रहे. जबसे पता चला है कि उन्होंने UPSC परीक्षा में टॉप किया है तबसे उनके घर में पड़ोसियों और रिश्तेदारों का मजमा लगा हुआ है. उनके पिता सरकारी हाई स्कूल में टीचर हैं और मां हाउसवाइफ हैं. नंदिनी का कहना है कि वे आज जो कुछ भी हैं अपने माता पिता की बदौलत हैं.
ख़राब रैंक के बावजूद पलता रहा IAS बनने का ख्वाब
नंदिनी का पूरा नाम नंदिनी कोलार राजेश है. उन्होंने इस बार देश के सबसे कठिन माने जानेवाली परीक्षा यानि की सिविल सर्विसेज के एग्जाम में टॉप किया है. जब से रिजल्ट आया है तब से उन्हें मिलने वाली बधाइयों का सिलसिला नहीं रुक रहा है. ओबीसी पृष्टभूमि से आनेवाली 26 साल की नंदिनी कर्नाटक की रहने वाली हैं. उन्होने पिछले साल भी परीक्षा पास की थी लेकिन पिछले साल उनकी रैंक 849वीं थी और वे इससे खुश नहीं थीं. वैसे तो उन्होंने दिल्ली से सटे फरीदाबाद में इंडियन रेवेन्यू सर्विस के लिए ट्रेनिंग तो शुरु कर दी थी लेकिन फिर भी उन्होंने आईएएस बनने का ख्वाब नहीं छोड़ा था.
नंदिनी ने 10वीं तक की पढ़ाई कर्नाटक के कोलार में की. इसके बाद उन्होंने मैंगलोर से 12वीं की पढ़ाई की. 12वीं के बाद उन्होंने बेंगलूरू से MS रमैया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की. पढ़ाई के बाद वे दो सालों तक कर्नाटक में PWD इंजीनियर भी रहीं. UPSC परीक्षा में उनका ऑप्शनल सब्जेक्ट कन्नड़ लिटरेचर था. उनका कहना है कि कन्नड़ साहित्य पढ़ना उनके लिए पढ़ाई से ज्यादा एक हॉबी थी.
1099 छात्रों ने पास की है ये परीक्षा
UPSC की सिविल सेवा परीक्षा से देश में IAS, IFS और IPS अफसर चुने जाते हैं. इस बार 1099 छात्रों ने ये परीक्षा पास की है. जिसमें से 180 छात्र IAS बनेंगे. 45 छात्र IFS यानि भारतीय विदेश सेवा का हिस्सा होंगे, वहीं 150 छात्र IPS बनाए जाएंगे और इनके अलावा 834 छात्रों को सेंट्रल ग्रुप के ए और बी सर्विस का हिस्सा बनाया जाएगा.
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