UPSC Mains 2020: यूपीएससी परीक्षा की तैयारी की योजना जो स्टूडेंट्स बनाते हैं वे काफी समय से इस बाबत प्रयास करने लगते हैं और यह सफर किसी के भी लिए आसान नहीं होता. साल 2020 की यूपीएससी परीक्षा देने वाले कैंडिडेट्स के लिए कल खास दिन था क्योंकि कल उन्होंने पहली बाधा यानी प्री की तरफ कदम बढ़ा दिया है. पेपर देने के बाद अधिकतर स्टूडेंट्स यह समझ गए होंगे की उनका चयन होगा या नहीं. कुछेक ऐसे भी होंगे जिनके मन में संशय होगा या जो एक-दो अंकों से खुद को निगेटिव जोन में पा रहे होंगे. अगर कल की परीक्षा देने के बाद आपको लगता है कि आपका चयन होगा या नहीं होगा इन दोनों ही सूरतों में अब बारी है मेन्स एग्जाम की तैयारी की. अगर इस साल चयन नहीं भी होता है तो अगले साल के लिए सही आपको तैयारी तो करनी ही होगी. आज जानते हैं इस बचे समय में कैसे मेन्स की तैयारी प्रभावी ढ़ंग से कर सकते हैं.
सबसे पहले दें खुद को आराम –
पिछले कई महीनों या कुछ केसेस में सालों से यूपीएससी सीएसई प्री परीक्षा की तैयारी कर रहे स्टूडेंट सबसे पहला काम करें कि एक ब्रेक लें. अपनी आवश्यकता अनुसार यह ब्रेक एक हफ्ते से दस दिन का जैसा भी आप ठीक समझें हो सकता है पर इस बीच आराम करें. इससे आपका दिमाग तरो-ताजा होगा क्योंकि अभी आपको और भी बड़ी जंग लड़नी है. चाहें तो इस ब्रेक के दौरान कुछ समय निकालकर अपने दिमाग में एक रफ खाका खींच लें कि अगले चरण में कैसे क्या करना है या चाहें तो कंप्लीट ब्रेक लें और परीक्षा के बारे में सोचें भी न.
बनाएं अपने लिए टाइम-टेबल –
ब्रेक से वापस आने के बाद सबसे पहले समय निकालकर अपना टाइम-टेबल बनाएं और मेन्स परीक्षा के बचे दिनों को विषयवार बांट लें कि किस दिन क्या पढ़ेंगे और कौन सा विषय खत्म करेंगे. बताने की आवश्यकता नहीं कि अंत के 15 या 20 दिनों को इसमें शामिल न करें और इन्हें रिवीजन के लिए ही रिजर्व रखें. अधिकतर केसेस में स्टूडेंट मेन्स के लिए केवल इस समय पर निर्भर नहीं रहते और पहले ही मेन्स की तैयारी आरंभ कर चुके होते हैं. ऐसे में आप अपनी तैयारी के हिसाब से शेड्यूल बनाएं और हर विषय के लिए दिन तय कर दें. ये शेड्यूल महीने, हफ्ते और दिनों के हिसाब से होना चाहिए. इसी बीच में समय को ऐसे बांटें की ऐस्से और एथिक्स जैसे विषयों पर भी एक तय समय, हर रोज या अल्टरनेट डे पर खर्च करें. शेड्यूल बनाते समय सबसे अधिक समय ऑप्शनल की तैयारी के लिए एलॉट करें.
टेस्ट सीरीज और राइटिंग प्रैक्टिस का बेस्ट टाइम –
अपनी तैयारी के अनुरूप समय को डिवाइड करके आंसर राइटिंग की खूब प्रैक्टिस तो करें ही साथ ही टेस्ट सीरीज भी ज्वॉइन कर लें. बिलकुल परीक्षा जैसे माहौल में टेस्ट दें और अपनी गलतियों को ऐसे ही न छोड़कर उन्हें एनालाइज करें और सुधारें. निबंध लिखने के बाद उन्हें किसी और से चेक करवाएं ताकि अपनी कमियां पता कर सकें. ठीक इसी प्रकार केवल उत्तर लिखना आना ही काफी नहीं है उसके सपोर्ट में तथ्य रखें जो आपकी बात को बल दें. उत्तरों के साथ खूब डायग्राम्स बनाएं लेकिन डायग्राम लेबल्ड हों, कुछ भी चित्र खींचने से अंक नहीं मिलेंगे. अपने उत्तर में जितना अधिक हो सके एग्जाम्पल्स को शामिल करें. मोटे तौर पर तैयारी हो जाने के बाद इन छोटी-छोटी चीजों पर समय खर्च करें.
टॉपर्स के ब्लॉग देखें और पता करें कि उन्होंने कैसे इस समय का बेस्ट इस्तेमाल किया था. कहीं कोई डाउट हो तो अपने शिक्षकों से क्लियर कर लें. अंत में बस इतना ही कि पढ़ाई के साथ ही अपनी फिजिकल और मेंटल हेल्थ का भी पूरा ध्यान रखें.
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