UPSC Success Story: गोरखपुर की नौशीन ने डिप्रेशन को मात देकर क्लियर की यूपीएससी परीक्षा, चौथे अटेम्प्ट में मिली 9वीं रैंक
UPSC CSE 2023 Topper: यूपीएससी सीएसई परीक्षा 2023 में नौंवी रैंक लाने वाली गोरखपुर की नौशीन को कतई यकीन नहीं था कि वे टॉप टेन में सेलेक्ट हो जाएंगी. ऐसा रहा नौशीन का यूपीएससी का सफर.
UPSC CSE 2023 Topper Nausheen: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) में गोरखपुर की नौशीन ने ऑल इंडिया रैंक में 9वां स्थान हासिल कर अपने मां-बाप के साथ सीएम सिटी गोरखपुर का भी मान बढ़ाया है. उन्होंने कहा कि जो मुकाम मैंने हासिल किया है उसके लिए माता-पिता ओर गुरुजनों का बहुत योगदान है. इसके लिए वे सभी को धन्यवाद देती हैं. वे कहती हैं कि वे जरूरतमंदों और देश सेवा के लिए काम करना चाहती हैं.
चौथे प्रयास में मिली सफलता
गोरखपुर के मेडिकल कॉलेज रोड पर फत्तेपुर ईदगाह के पास रहने वाले अब्दुल कय्यूम और मां जेबा खातून की खुशी देखने लायक है. नौशीन कहती हैं कि वे एक-दो नहीं चौथे अटेम्प्ट में ये सफलता हासिल कर सकी हैं. पहले दो अटेम्प्ट में उनका मेन्स निकला और इंटरव्यू काल नहीं आई. तीसरे में प्रिलिम्स तक नहीं निकल पाया. चौथे प्रयास में उन्होंने ये सफलता हासिल कर ली. उन्होंने साल 2019 से तैयारी शुरू की. उस समय उन्होंने ग्रेजुएशन किया था. उस समय वे परीक्षा देने की उम्र की अर्हता पूरी नहीं की थी. साल 2020 में उन्होंने पहला अटेम्प्ट दिया.
कहां से की है पढ़ाई
उनकी प्रारंभिक शिक्षा गोरखपुर के रैम्पस (रत्ना मेमोरियल पब्लिक स्कूल) से हुई. उसके बाद उन्होंने दिल्ली के खालसा कालेज से ग्रेजुएशन किया है. जब तीसरे प्रयास में प्रिलिम्स नहीं निकला, तो वे अवसाद में चली गईं थी. इसके बाद उनके दोस्तों ने उनकी मदद की. इसके बाद वे चौथे प्रयास में सफल हुईं. वे सोच रही थीं कि उनका नाम निकल आए. उन्हें 9वीं रैंक की उम्मीद नहीं थी. उन्होंने नहीं सोचा था कि टॉप-10 रैंक में आ जाएंगी. ऐसा होने पर उन्हें आश्चर्य हुआ.
क्या मैसेज दिया कैंडिडे्टस को
नौशीन ने युवाओं को संदेश देते हुए कहा कि खुद पर भरोसा रखें, अपनी स्ट्रेटजी बनाएं. सफलता जरूर मिलेगी. वे 7 से 8 घंटे पढ़ाई करती रही हैं. इसके बाद जब मेन्स निकलने के बाद 17 से 18 घंटे पढ़ाई की. उन्होंने बताया कि सभी विषयों को पढ़ना जरूरी है. उन्होंने अंग्रेजी माध्यम से परीक्षा दी हैं लेकिन बहुत से ऐसे टॉपर्स को उन्होंने देखा है, जो हिन्दी माध्यम से परीक्षा देकर भी टॉप करते हैं.
माध्यम नहीं होती बाधा
माध्यम कोई बाधा नहीं होती है. युवाओं को वे संदेश देती हैं कि पूरी ईमानदारी के साथ काम करें. अपने प्रति ईमानदारी के साथ लक्ष्य का निर्धारण करें. सिविल सर्विसेज की वैल्यूज को तैयारी के दौरान परिवार से जो मिली है, वे उसे बचाकर रखेंगी. पूरी ईमानदारी, निष्ठा और लगन के साथ काम करेंगी. वे महिलाओं, अल्पसंख्यक और एससी-एसटी के लिए जो भी योजनाएं होंगी, उन तक पहुंचाने का प्रयास करेंगी.
माता-पिता की खुशी का ठिकाना नहीं
नौशीन की मां जेबा खातून कहती हैं कि उनके पास शब्द नहीं है. नौशीन ने बहुत मेहनत की है. उसने शुरू से ही अपना 100 प्रतिशत दिया है. वे उम्मीद करती रही हैं कि उनकी बेटी जरूर कोई मुकाम हासिल करेगी. वे कहती हैं कि उन्होंने जो सपना देखा था, आज वो पूरा हो गया है. उन्हें उम्मीद थी कि उनकी बेटी एक न एक दिन जरूर आईएएस बनेगी. क्योंकि इसके अंदर जो ललक थी उससे ऐसा लगता था. वे जानती थीं कि वो जरूर आईएएस बनकर देश प्रदेश का नाम और सम्मान बढ़ाएगी.
नौशीन के पिता अब्दुल कय्यूम कहते हैं कि उनकी बेटी ने साइंस विषय से इंटरमीडिएट किया था. इसके बाद उसने बीए किया, तो उसे पता नहीं था कि आईएएस-पीसीएस क्या होता है लेकिन बाद में उसने लक्ष्य निर्धारित किया और सफलता प्राप्त की. वे भी इलाहाबाद में तैयारी कर चुके हैं. मेरिटोरियस होने के साथ ही उनकी बेटी लेबोरियस रही है. उन्हें विश्वास रहा है कि वो इस लक्ष्य को हासिल कर लेगी. वे बच्चों पर पढ़ाई का बोझ थोपने वाले माता-पिता से अपील करते हैं कि वे अपने बच्चे को जज न करें और उसकी क्षमता और च्वाइस को देखते हुए उस फील्ड में करियर बनाने के लिए दिशा दें.
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बहुत अधिक है कांपटीशन
अब्दुल कय्यूम कहते हैं कि आज बच्चो के अंदर क्वालिटी होना भी बहुत जरूरी है. क्योंकि किसी भी फील्ड में जाने के लिए कंपटीशन बहुत अधिक है. ऐसे में उन्हें कठिन परिश्रम करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि रिजल्ट आने के बाद उनकी खुशी का ठिकाना ही नहीं रहा. उस पल को जुबां से बयान नहीं कर सकते.
परिवार में कौन-कौन है
यूपीएससी में ऑल इंडिया में 9वां स्थान में हासिल करने वाली नौशीन के पिता अब्दुल कय्यूम के तीन बच्चे हैं. अब्दुल कय्यूम आकाशवाणी में कार्यरत हैं. बड़ा बेटा यूनियन बैंक में कार्यरत है. दूसरे नंबर पर बेटी है, जो एलआईसी में कार्य करती हैं. तीसरे स्थान पर नौशीन हैं, जिन्होंने यूपीएससी में 9वां स्थान प्राप्त कर घर परिवार और प्रदेश का मान और सम्मान बढ़ाया है. नौशीन के पिता मूल रूप से कुशीनगर के पटहेरवा के रहने वाले हैं. वे गोरखपुर जिले में कई वर्षो से रहते हैं.
कल जारी हुए नतीजे
संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने मंगलवार को सिविल सर्विसेज एग्जामिनेशन-2023 का रिजल्ट जारी कर दिया. 1016 कैंडिडेट्स इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस (IAS), इंडियन पुलिस सर्विस (IPS) और इंडियन फॉरेन सर्विस (IFS) के लिए चुने गए हैं. इनमें 180 आईएएस और 200 आईपीएस बनेंगे. इसमें गोरखपुर की नौशीन को 9वां स्थान मिला है. उनके घर पर लोगों का बधाई देने का तांता लगा हुआ है.
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