UPSC Civil Services Exam additional chances: यूपीएससी सिविल सेवा प्रीलिम्स परीक्षा 2020 में कोविड-19 महामारी के चलते शामिल ना हो पाने के कारण वंचित रह गये कैंडिडेट्स को वर्ष 2021 की यूपीएसी सिविल सेवा परीक्षा में अतिरिक्त मौके की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका आज, 24 फरवरी 2021 को खारिज कर दी गई. सुप्रीम कोर्ट ने इस पर सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया.


सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए इस फैसले के बाद यूपीएससी के उन कैंडिडेट्स को अब एक और अतिरक्त मौका नहीं मिलेगा जो कोविड -19 के चलते अक्टूबर 2020 में आयोजित यूपीएससी सिविल सेवा प्रीलिम्स परीक्षा में शामिल नही हो सके थे और उनकी आयु सीमा भी उसी साल समाप्त हो चुकी है. हालांकि सिविल सर्विसेज परीक्षा (प्रारंभिक) में अतिरिक्त मौका मांगने वाले परीक्षार्थियों में ऐसे अभ्यार्थी भी शामिल हैं जो कोरोना (COVID-19) महामारी के दौरान फ्रंटलाइन वर्कर्स की भूमिका में थे.


आपको बतादें कि इस याचिका की सुनवाई कर रही सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एएम खानविलकर, इंदु मल्होत्रा और अजय रस्तोगी की तीन सदस्यीय पीठ कर रही थी. पीठ ने इन सभी याचिकाओं को खारिज करते हुए कहा कि इस ऑर्डर की कॉपी सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर कुछ देर में अपलोड कर दी जाएगी. इससे पहले पीठ ने 9 फरवरी को याचिकाकर्ता, केंद्र सरकार और यूपीएससी की दलीलें सुनने के बाद फैसले को सुरक्षित रख लिया था. जिसे पीठ ने आज सुनाया.




उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने उन उम्मीदवारों को एक और मौका देने के लिए राजी हो गया था जिन्होंने कोविड – 19 के चलते यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2020 में शामिल नहीं हो सके थे और यह उनका अंतिम अवसर था. लेकिन केंद्र सरकार उन उम्मीदवारों को एक और मौका देने पर सहमत नहीं थीं जिनकी अवसर के साथ ही अधिकतम आयु सीमा भी समाप्त हो गई थी.


 आपको बतादें कि यूपीएससी सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा 2020 के नोटिफिकेशन के मुताबिक़, सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों को 32 वर्ष की आयु तक सिविल सेवा परीक्षा में भाग लेने के लिए 6 अवसर मिलते हैं जबकि ओबीसी कैटेगरी के उम्मीदवारों को 35 वर्ष की आयु तक 9 अवसर मिलते हैं. एससी-एसटी के अभ्यर्थियों के लिए अधिकतम आयु सीमा 37 वर्ष निर्धारति है.  अवसर की कोई बाध्यता नहीं है.




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