कैसे किसी को UPSC एग्जाम देने से बैन किया जाता है, जानें क्या है नियम
UPSC Exam Rules: यूपीएससी परीक्षा के दौरान नकल, गलत दस्तावेजों का इस्तेमाल, हंगामा करने या अन्य बातों को लेकर उम्मीदवार को बैन किया जा सकता है.
संघ लोक सेवा आयोग की तरफ से ट्रेनी आईएएस पूजा खेड़कर की नियुक्ति रद्द कर दी गई है. साथ ही यूपीएससी ने आगे की सभी परीक्षाओं से उन्हें प्रतिबंधित भी कर दिया है. लेकिन क्या आपको पता है यूपीएससी कब किसी कैंडिडेट पर एग्जाम को लेकर बैन लगाता है, आइए जानते हैं.
दरअसल, जब कभी भी यूपीएससी की तरफ से किसी भी एग्जाम का आयोजन कराया जाता है आयोग कुछ गाइडलाइन जारी करता है. जिसका पालन सभी कैंडिडेट्स को करना जरूरी है. ऐसा ना करने पर उम्मीदवार को परीक्षा देने से रोका जा सकता है. साथ ही उसे आगे की परीक्षाओं के लिए भी बैन किया जा सकता है.
पूजा खेड़कर पर क्या है आरोप?
अगर पूजा खेड़कर मामले की बात करें तो उन पर सीमा से अधिक प्रयास करने के लिए अपनी पहचान बदलकर धोखाधड़ी करने का आरोप है. जिसके लिए आयोग ने एक नोटिस भी भेजा था, जिसका जवाब पूजा नहीं दे सकीं. इसके बाद यूपीएससी ने बुधवार को बताया कि जांच के बाद पाया कि पूजा खेड़कर ने सिविल सेवा परीक्षा 2022 के नियमों का उल्लंघन किया. उनकी नियुक्ति रद्द कर दी गई है और उन्हें भविष्य की सभी यूपीएससी परीक्षाओं से प्रतिबंधित कर दिया है. इसके अलावा यूपीएससी ने इस प्रकार के मामले आगे ना आएं इसके लिए प्रक्रिया को और मजबूत करने की बात कही.
बैन होने के कारण
परीक्षा के दौरान नकल करते पकड़े जाने पर उम्मीदवार को बैन किया जा सकता है. अगर कोई कैंडिडेट गलत दस्तावेजों का इस्तेमाल करके परीक्षा देता है, तो उसे बैन किया जा सकता है. परीक्षा केंद्र में हंगामा करने या अन्य उम्मीदवारों को परेशान करने पर भी उम्मीदवार को बैन किया जा सकता है. एग्जाम सेंटर पर मोबाइल फोन, किसी भी तरह का इलेक्ट्रॉनिक गैजेट, कैमरा या ब्लूटूथ डिवाइस आदि बैन है. परीक्षा के लिए नामांकन रद्द किया जा सकता है. आयोग के अनुसार भविष्य की सभी परीक्षाओं/चयन प्रक्रियाओं से वंचित किया जा सकता है.
रिपोर्ट्स के अनुसार उम्मीदवार कोई गलत डॉक्यूमेंट का इस्तेमाल कर के नौकरी पा ले तो उस पर भी कार्रवाई की जाती है. जैसा पूजा खेड़कर मामले में हुआ. उम्मीदवार पर आरोप लगने पर यूपीएससी एक जांच शुरू करता है. अभ्यर्थी को नोटिस जारी किया जाता है जिसमें आरोपों का जिक्र किया जाता है और उसे जवाब देने का मौका दिया जाता है. जांच के आधार पर यूपीएससी फैसला लेता है और उम्मीदवार को बैन किया जा सकता है.
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