खुदी को कर बुलंद इतना कि हर तकदीर से पहले खुदा बंदे से पूछे बता तेरी रजा क्या है. प्रतिभावान लगनशील, कभी हार न मानने की ठान लेने वाले तेलंगाना के सिद्दीपेट जिले के कोंडापाक के रहने वाले आईएएस बने बुद्धि अखिल पर यह शेर सटीक बैठता है. कहते है कामयाबी का जुनून होना चाहिए, फिर मुश्किलों की क्या औकात.


ठान लिया तो पूरा करके दिखाया


अखिल पहली बार 2019 में संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की परीक्षा में बैठे. पहले प्रयास में प्री क्वालीफाई नहीं कर पाये. लगातार पांच प्रयास किये. पांच प्रयासों में उन्होंने तीन बार मेंस क्लियर किया. दो बार उन्हें इंटरव्यू में सफलता मिली. और आखिरकार, आईएएस बनने का उनका सपना पूरा  हुआ. वर्ष 2022 का जब यूपीएससी का रिजल्ट आया, तो पता चला कि अखिल मामूली अंतर से मेरिट लिस्ट में जगह बनाने से चूक गए. 

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वर्ष 2021 में 566वीं रैंक और 2023 में 321 वीं 

अखिल बताते हैं कि आईएएस बनना उनका सपना था. जो लगातार प्रयास के बाद पूरा हुआ. वर्ष 2018 में वारंगल के काकतीय इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से सिविल इंजीनियरिंग करने के बाद उन्होंने यूपीएससी की तैयारी शुरू की. अखिल पहली बार 2019 में यूपीएससी की परीक्षा में बैठे. पहले प्रयास में वह प्री क्वालिफाई नहीं कर पाए. उन्होंने हार नहीं मानी और जुटे रहे. 2021 में उन्होंने 566वीं रैंक हासिल की.


इसके बाद उन्हें दिल्ली पुलिस में सहायक आयुक्त के पद पर नौकरी मिली. उन्हें आईएएस बनना था तो उन्होंने एक और चांस लेने का फैसला किया. फिर से एग्जाम की तैयारी के लिए उन्होंने यहां से एक साल की छुट्टी ली. और कर दिखाया जो ठाना था. उन्होंने 2023 की परीक्षा में 321 वीं प्राप्त की और बन गये आईएएस. अपने पांच प्रयासों में उन्होंने तीन बार मेंस क्लियर किया. दो बार उन्हें इंटरव्यू में सफलता मिली. एसीपी की ट्रेनिंग के दौरान जो भी वक्त बचता, अखिल उसी में इंटरव्यू की तैयारी करने बैठ जाते थे.

कभी कोचिंग नहीं ली

अखिल कोडापाका में रहे. यूपीएससी परीक्षा के लिए कभी कोचिंग नहीं ली. आनलाइन उपलब्ध सामग्रियों से अपने नोट्स बनाकर तैयारी की. टाइम टेबल के साथ उन्होंने सेल्फ स्टडी पर जोर दिया.

पिता को फोन पर दी आईएएस में सिलेक्ट होने की सूचना 

जब यूपीएससी का परीक्षा परिणाम आया तो उन्होंने सबसे पहले अपने पिता को फोन कर सूचना दी. दोपहर का वक्त था. पिता बुद्धि नरेश अपने खेतों पर काम कर रहे थे. उसी वक्त अखिल ने फोन कर उन्हें बताया बापू मैं आईएएस बन गया हूं. बात सुनते ही नरेश खुशी से झूम उठे. तुरंत घर पहुंचकर पत्नी ललिता और छोटे बेटे अजय को खुशखबरी दी, तो पूरा परिवार खुशी में नाचने लगा.

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