UPSC Success Story : छोटे-छोटे शहर भी अब बड़े-बड़े सपने देख रहे है. इतना ही नहीं सपने देखने वालों के जुनून और मेहनत की दम पर ये पूरे भी हो रहे है. अगर इस पर यकीन न हो तो मध्यप्रदेश के छोटे से शहर गुना के कमल और उनके बेटे विशाल की कहानी यहां पढ़ें.
पिता की मोटर वाइंडिंग की छोटी सी दुकान है. पिता की तपस्या और बच्चों की मेहनत इस घर में खुशी और गौरव के पल लायी है. गुना में मोटर वाइंडिंग का व्यवसाय करने वाले कमल सिंह धाकड़ ने अपनी मेहनत और ईमानदारी की गाढ़ी कमाई से अपने दो बच्चों को सम्मानजनक पदों तक पहुंचाने में सफलता पायी है. इसी व्यवसाय की दम पर सबसे पहले उन्होंने अपनी बड़ी बेटी को पढ़ा लिखाकर डॉक्टर बनाया और अब उनके बेटे विशाल धाकड़ ने यूपीएससी 2021 परीक्षा में 39वीं रैंक हासिल की.
मोटर वाइंडिंग के बेटे ने पा ली मंजिल
कमल सिंह धाकड़ कहते है कि, बेटे को आईएएस अफसर बनाने का सपना देखा था और बेटे ने अपनी मेहनत से उसे पूरा भी कर दिया.पिता कमल सिंह धाकड़ ने कड़ी मेहनत और ईमानदारी से पैसा कमा कर बेटे को पढ़ाई कराई तो वही बेटे ने भी जुनून और लगन से पढ़ाई कर पिता की उम्मीदों को पूरा किया.जिस दिन यूपीएससी सिविल सर्विस 2021 का रिजल्ट आया तो पूरा शहर झूम उठा.गुना के लोग और रिश्तेदार उनकी दुकान पर पहुंच कर बधाइयां देने लगे.पिता की तपस्या और बच्चों की मेहनत इस घर में खुशी और गौरव के पल लायी है.
मन में विश्वास है तो सब कुछ है संभव
बेटे के आईएएस बनने से खुश पिता कमल सिंह धाकड़ ने कहा कि मन में विश्वास हो तो सब कुछ संभव है.वे खेती करके घर परिवार चलाते और मोटर वाइंडिंग की दुकान से पैसा जमा कर बेटे की पढ़ाई का खर्च उठाया.अब मेरी तपस्या सफल हुई है.खुशी इस बात की भी है कि यह हमारी दूसरी सफलता है. इससे पहले वो बड़ी बेटी को भी पढ़ा लिखा कर डॉक्टर बना चुके हैं. वो कहते हैं महज एक मोटर वाइंडिंग की दुकान से 2 बच्चों को इन ऊंचाइयों तक पहुंचाना आसान नहीं था.
जानें सफलता का मूल मंत्र
अब बात करें विशाल धाकड़ की तो उन्हें अपने दूसरे अटेम्ट में यह सफलता हासिल की है.विशाल कहते है कि उन्हें ऐसी जॉब की ख्वाहिश थी जिसमें अच्छी सैलरी के साथ लोगों की मदद के लिए अवसर भी दे.सिविल सर्विस से ज्यादा बेहतर विकल्प नहीं था और पिता की भी यही इच्छा थी.विशाल का सक्सेस मंत्र है कि सबसे पहले एस्पिरेन्ट को सिलेबस पर पकड़ बनानी चाहिए.उसके बाद क्वेश्चन पेपर सॉल्व चाहिए .इसके साथ ही एक तय समय तक रीडिंग के बाद नोट्स बनाना शुरू किया जा सकता है.फिर अगले चरण में नोट्स पर रिवीजन शुरू करके उसमें से गैर जरूरी सामग्री की छंटनी करना चाहिए.इसी तरह करेंट अफेयर के लिए न्यूज़ पेपर की मदद ली जा सकती है.और अंत में सबसे जरूरी खुद पर भरोसा बनाये रखना और मन माफिक परिणाम न आने पर भी हौसला न छोड़ना यही सफलता का मूल मंत्र है.
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