UPSC Success Story : देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक यूपीएससी की परीक्षा है. देश में हर साल लाखों युवाओं आईएएस,आईपीएस बनने का सपना लेकर पढ़ाई करते है,लेकिन कुछ के ही सपने पूरे होते है कुछ के अधूरे रह जाते है.सलेक्शन नहीं होने पर कई लोग गिवअप कर देते है.पर एबीपी न्यूज उन युवाओं के हौसले की पंख को मजबूती देने के लिए आईएएस, आईपीएस की सक्सेस स्टोरी लेकर आया है. आज श्रद्धा शुक्ला की कहानी जिन्होंने 2021 सिविल सर्विस परीक्षा में देशभर में 45 वां रैंक हासिल किया है.


छत्तीसगढ़ से टॉप 50 में आने वाली पहली टॉपर बनी
छत्तीसगढ़ की श्रद्धा शुक्ला राजधानी रायपुर की रहने वाली है. 2021 यूपीएससी के रिजल्ट श्रद्धा के दादा जी के सपने को पूरा करने के लिए काफी था. लेकिन सिविल सर्विस की परीक्षा में श्रद्धा ने एक ऐसी लकीर खींच दी है. जो राज्य बनने के बाद अबतक नहीं हुआ है. छत्तीसगढ़ इससे पहले किसी महिला यूपीएससी टॉप 50 में जगह नहीं बनाई है. श्रद्धा छत्तीसगढ़ की पहली टॉपर है जिन्होंने देशभर में 45 वीं रैंक हासिल की है. 


घर पर बैठ कर यूपीएससी की तैयारी की
युवाओं के मन में एक धरना बनी हुई है यूपीएससी की तैयारी के लिए दिल्ली में जाकर कोचिंग करना जरूरी है. इसके बिना एग्जाम क्रैक करना मुश्किल है. इस धारणा को श्रद्धा ने तोड़ दिया है. उन्होंने अपनी यूपीएससी की तैयार रायपुर में रहकर ही पूरी की है. उनका मानना है की लगन जुनून हो तो घर बैठे भी यूपीएससी की तैयारी की जा सकती है. उन्होंने बताया कि रायपुर के गायत्री नगर में एमजीएम हायर सेकेंडरी स्कूल है, जहां से 12वीं तक की पढ़ाई पूरी की, इसके बाद गवर्मेंट डीबी गर्ल्स पीजी कॉलेज में बीएससी में ग्रेजुएशन किया. इस दौरान यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी थी.पढ़ाई पूरी करने के बाद यूपीएससी की तैयारी में पूरी तरह से जुट गई.


तीसरे प्रयास में आईएएस बनने का सपना हुआ पूरा 
श्रद्धा ने अपने पहले प्रयास के बारे में बताया की उन्होंने दिन रात एक कर के तैयारी की , लेकिन सफलता नहीं मिली इससे काफी दुख हुआ. लेकिन मन में मैंने ठान लिया था की मुझे आईएएस अधिकारी बनना ही है. फिर से पढ़ना शुरू की पहले से ज्यादा तैयारी की परिणाम आया लेकिन आईएएस के चयन सूची में नाम नहीं आया. हालांकि की भारतीय डाक और दूरसंचार खाते और वित्तीय सेवाएं में चयन हुआ. पर आईएएस बनने का सपना अभी भी अधूरा रह गया. दो प्रयास के बाद भी सफलता नहीं मिली तो निराशा ने जकड़ लिया. मन हुआ अब और नहीं यही से वापसी लेकिन माता पिता और दोस्तों ने हौसला बढ़ाया. फिर उसी लगन से तैयारी की इस बार समय कम बचा था. पर तीसरे प्रयास में आईएएस बनने का सपना पूरा हुआ.


राजनेता पिता से मिली बहुत मदद
श्रद्धा के पिता सुशील आनंद शुक्ला छत्तीसगढ़ कांग्रेस के बड़े नेता है,राजनीतिक दावपेंच में महारत है. वर्तमान में छत्तीसगढ़ कांग्रेस के संचार विभाग प्रमुख है. श्रद्धा को पिता के मार्गदर्शन में काफी सहायता मिली है.उन्होंने बताया कि ये मेरे लिए बहुत पॉजिटिव रहा. एक बात बहुत अच्छी रही है कि मेरे पिता अपने वर्क लाइफ को अच्छे से मेंटेन करते है.जब भी किसी टॉपिक में डाउट होता था इंटरव्यू में किस तरफ के जवाब देने है और किस तरह के उदाहरण से उत्तर को आसानी से बता सकूं इसके लिए पिता से पूछती थी. पिता बहुत मदद करते थे.


इंटरव्यू में श्रद्धा ने पैनल को सुनाया राज्यगीत 
श्रद्धा ने अपने इंटरव्यू के बारे भी बताया. उन्होंने कहा की मेरा इंटरव्यू बहुत सिंपल था. मुझे ओपिनियन बेस्ड प्रश्न और सिचुएशन बेस्ड प्रश्न पूछे गए. लेकिन इंटरव्यू में एक और खास चीज हुई है. जब पैनल ने अपने बारे में कुछ बताने के लिए कहा तब मैने हमारे राज्य का राज्यकीय गीत "अरपा पैरी के धार " गाना चाहती हूं जो मुझे पसंद है.राज्यगीत गाने के बाद पैनल को इस गीत के अर्थ भी को समझाया.


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