UPSC IAS Success Story: यूपीएससी की परीक्षा (UPSC Exam) को निकालने की कोई तय सीमा नहीं होती. कई लोग 25 की उम्र में आईएएस (IAS) बनते हैं तो वहीं कुछ लोग 29 की उम्र में इस मुकाम को हासिल करते हैं. अगर कोई छात्र एक बार यह निर्णय ले कि उसे आईएएस बनना है तो उम्र सीमा महज एक पढ़ाव बनकर रह जाती है. कुछ इसी प्रकार है स्मिता सभरवाल (Smita Sabharwal) की कहानी जिन्होंने 22 साल की उम्र में यूपीएससी की परीक्षा (UPSC Exam) को पास किया और अपने लक्ष्य को हासिल कर लिया.


पश्चिम बंगाल में हुआ जन्म
स्मिता का बचपन पश्चिम बंगाल (West Bengal) के दार्जिलिंग में बीता जहां 19 जून 1977 को उनका जन्म हुआ. उनके पिता कर्नल प्रणव दास आर्मी में थे, जिसके चलते कई बार उनका ट्रांसफर हुआ और स्मिता को अलग अलग प्रदेशों में जाने का मौका मिला. अंत में उनके रिटायर होने के बाद स्मिता अपने परिवार के साथ हैदराबाद में बस गई. शुरुआत से ही वह एक होनहार छात्र थी और अपने बोर्ड में टॉप भी कर चुकी थी.


ग्रेजुएशन के बाद की आईएएस बनने की तैयारी
स्मिता ​(Smita) ​ने अपना ग्रेजुएशन कॉमर्स फील्ड से पूरा किया. जिसके बाद उन्होंने आईएएस की परीक्षा का पहला अटेम्प्ट दिया और अपने पहले अटेम्प्ट में वह प्रीलिम्स भी क्लियर नहीं कर पाई. हालांकि स्मिता बिल्कुल भी हताश नहीं हुई और अपने दूसरे प्रयास में जुट गई. आखिरकार साल 2000 में उन्होंने आईएएस की परीक्षा को क्रैक किया और साथ ही में 4 थीं रैंक भी अर्जित की. आज स्मिता तेलंगाना में नियुक्त है और अपने क्षेत्र में अव्वल दर्जे की अधिकारी मानी जाती है.


उन्होंने तेलंगाना कैडर से आईएएस की ट्रेनिंग ली थी. नियुक्ति हो जाने के बाद वह चित्तूर में सब-कलेक्टर रहीं. वह कडप्पा रूरल डेवलपमेंट एजेंसी की प्रोजेक्ट डायरेक्टर, वारंगल की नगर निगम कमिश्नर और कुरनूल की संयुक्त कलेक्टर रही हैं. स्मिता को हर जगह सम्मान मिला.


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