UPSC Success Story: मजदूरी के लिए मां को फटकार पड़ी तो ली प्रतिज्ञा, फिर मनरेगा मजदूर के बेटे ने क्रैक कर दिखाया UPSC
UPSC Success Story: हेमंत राजस्थान के हनुमानगढ़ के एक साधारण परिवार से आते हैं. उनकी मां एक मनरेगा मजदूर और पिता एक स्थानीय पुजारी हैं.
कई बार कुछ घटनाएं जिंदगी की दिशा बदल देती हैं. ऐसी ही एक घटना राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले के रहने वाले हेमंत के जीवन में घटी. मनरेगा मजदूर मां के पैसों के लिए अधिकारी से बहस करनी पड़ी. उस समय हेमंत के कोमल ह्रदय को वाक्य ने इतना झकझोरा कि उसने भी अधिकारी बनने की ठान ली. ताकि आगे चलकर ऐसी नौबत ही ना आए. ऐसा नहीं कि यह प्रतिज्ञा कुछ क्षणों तक या कुछ दिनों तक ही टिकने वाली थी, हाल ही में हेमंत ने यूपीएससी की परीक्षा पास कर बता दिया कि उसकी प्रतिज्ञा भीष्म की प्रतिज्ञा की तरह अटल थी.
जहां एक तरफ ज्यादातर लोगों को लगता है कि देश की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा पास करने के लिए बेहतर संसाधनों की जरूरत होती है लेकिन रेगिस्तान की धरती से निकले इस अनमोल हीरे ने इस धारणा को फिर एक बार झूठा साबित कर दिया है. हेमंत ने साबित कर दिया कि सफलता के लिए संसाधन नहीं बल्कि बुलंद हौसले की दरकार होती है.
हेमंत बेहद ही साधारण परिवार से आते हैं. उनकी मां मनरेगा मजदूर के रूप में काम करती थीं तो पिता स्थानीय पुजारी हैं. हेमंत ने यूपीएससी एग्जाम में 884वीं रैंक हासिल की थी. हालांकि प्रथम प्रयास में उनके हाथ निराशा लगी थी. लेकिन दूसरे प्रयास में उन्होंने जी जान लगा दिया और एग्जाम में सफलता पा ली. यूपीएससी सीएसई 2023 में हेमंत ने लिखित परीक्षा में 792 और साक्षात्कार में 120 अंक प्राप्त कर कुल 912 अंक हासिल किए.
एक बार जब उनकी बहस अपनी मां की दिहाड़ी मजदूरी को लेकर एक अधिकारी से हो रही थी तब उन्हें कलेक्टर का अर्थ पता चला. जिसके बाद से उन्होंने यूपीएससी एग्जाम की तैयारी शुरू कर दी. हेमंत ने कॉलेज में UPSC की तैयारी शुरू की. पहले प्रयास में प्रीलिम्स पास करने के बाद, वे पासिंग मार्क्स की कमी के कारण मुख्य परीक्षा में शामिल नहीं हो सके.
अंग्रेजी थी कमजोर
हेमंत के लिए यूपीएससी की तैयारी करना कठिन था, पर उन्होंने कई असफलताओं के बावजूद हार नहीं मानी. इंग्लिश में फेल होने के कारण डिप्लोमा अधूरा रह गया पर दोस्तों के प्रोत्साहन से उन्होंने जोबनेर की SKN एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की.
नहीं की कोचिंग
यूपीएससी के नतीजे आने के बाद हेमंत के पिता को उनके परिणाम पर विश्वास नहीं हो रहा था, जबकि उनकी मां खुशी से रो रही थी. हेमंत ने हमेशा अपनी मां को दुःख में देखा था, लेकिन यह पहली बार था जब उसने उन्हें खुशी के आंसू में देखा. हेमंत बताते हैं कि उनके पास कोचिंग करने लायक रुपये नहीं थे. लेकिन उन्होंने डिजिटल मीडिया को हथियार बनाया और यूपीएससी परीक्षा को क्रैक किया.
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