IAS Success Story: यूपीएससी एग्जाम की तैयारी के दौरान मां को खोया, पिता ने बढ़ाया हौसला और फिर बेटी ने किया कमाल
UPSC Success Story: आईएएस अंकिता चौधरी हरियाणा के रोहतक जिले से ताल्लुक रखती हैं. उन्होंने अपनी ग्रेजुएशन दिल्ली यूनिवर्सिटी के हिंदू कॉलेज से पूरी की है.
IAS Ankita Choudhary Success Story: सड़क हादसे में मां को खोया, जिसके बाद बुरी तरह से टूट गईं. मां के जाने के बाद जीवन कठिनाई भरा लग रहा था. समझ में आ ही नहीं रहा था कि आगे कैसे पड़ा जाए. ऐसे में पिता ने बेटी का हौसला बढ़ाया. जिसके बाद बेटी ने एक बार फिर यूपीएससी परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी और इस बार एग्जाम क्रैक भी किया. ये कहानी है आईएएस अफसर अंकिता चौधरी की. जिन्होंने साल 2018 में शानदार रैंक प्राप्त की थी.
आईएएस अंकिता चौधरी (IAS Ankita Choudhary) हरियाणा के रोहतक जिले के मेहम के एक साधारण परिवार से आती हैं, जहां उन्होंने जीवन की चुनौतियों का दृढ़ता से सामना किया. अंकिता के पिता चीनी मिल में अकाउंटेंट थे. उनकी मां होममेकर थीं. अंकिता शुरुआत से पढ़ाई में काफी होशियार थीं. स्कूली पढ़ाई पूरी होने के बाद अंकिता ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के हिन्दू कॉलेज में दाखिला लिया. जहां से उन्होंने केमिस्ट्री में ग्रेजुएशन किया. वह बचपन से ही आईएएस अफसर बनने का सपना देखती थीं.
पहले प्रयास में मिली असफलता
अपने सपने को पूरा करने के लिए अंकिता ने यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी. पहला प्रयास उन्होंने साल 2017 में दिया जिसने उनके हाथ असफलता लगी. लेकिन इस असफलता के बावजूद अंकिता ने हार नहीं मानी और तैयारी जारी रखी. लेकिन जब वह दूसरे प्रयास के लिए तैयारी में लगी थीं. उनके जीवन में ऐसी घटना घटी, जिसकी कभी अंकिता ने कल्पना भी नहीं की थी.
दूसरे प्रयास में मिली 14वीं रैंक
अंकिता चौधरी ने एक दुर्घटना में अपनी मां को खो दिया था. जिससे वह बुरी तरह से टूट गई थीं. लेकिन इस वक्त पिता ने बेटी का हौसला बढ़ाया और उन्हें परीक्षा देने के लिए मोटीवेट किया. साल 2018 में दिए अपने अगले अटेम्प्ट में अंकिता ने अपनी मेहनत और काबिलियत के दम पर 14वीं रैंक हासिल की.
कैंडिडेट्स को क्या दी सलाह?
आईएएस अंकिता चौधरी यूपीएससी एग्जाम की तैयारी करने वाले कैंडिडेट्स को सलाह देती हैं कि कोई भी व्यक्ति किसी भी बैकग्राउंड से हो सकता है. लेकिन सफलता के लिए उम्मीदवार को एक ठोस रणनीति और कड़ी मेहनत करने की आवश्यकता होती है. अभ्यर्थी को असफलताओं को सीखने के अवसरों के रूप में देखना चाहिए और उन्हें अगले प्रयास को बेहतर बनाने के लिए काम करना चाहिए. एग्जाम क्रैक करने के लिए अभ्यर्थी को आंसर राइटिंग की प्रैक्टिस करनी चाहिए.
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