IAS Success Story: बचपन में पिता को खोया, तंग हालातों में गुजरा जीवन और फिर बनीं आईएएस अफसर
UPSC Success Story: दिव्या तंवर ने एक नहीं दो बार यूपीएससी परीक्षा को क्रैक किया है. पहली बार उन्होंने एग्जाम में 438वीं रैंक प्राप्त की. जबकि दूसरे प्रयास में 105वीं रैंक मिली.
IAS Divya Tanwar Success Story: मेहनत का नशा कीजिए बीमारी भी सफलता वाली होगी. सफलता पाने के लिए लोग न जाने क्या कुछ नहीं करते हैं. लेकिन बचपन में बीते कुछ पल भी हमें कुछ बड़ा करने की ओर प्रेरित करते हैं. ऐसी ही कहानी आईएएस अफसर दिव्या तंवर की भी है. दिव्या जब बेहद छोटी थीं तभी उनके पिता का हाथ उनके सिर से उठ गया था. जिसके बाद उनका जीवन तंग हालातों में गुजरा. जब वह स्कूल में थीं उस दौरान एक बार उनके स्कूल में एक कार्यक्रम में एसडीएम गेस्ट बनकर आए. जिनकी इज्जत होती है देख दिव्या ने भी ठान लिया की उन्हें अपनी मां को खुद के ऊपर गर्व करवाना है.
वर्ष 2021 में दिव्या तंवर ने पहली बार यूपीएससी परीक्षा दी थी. उन्होंने अपनी पहले ही अटेम्प्ट में परीक्षा को क्रैक किया था. उन्हें पहले प्रयास में 438वीं रैंक मिली थी. जब उन्होंने इस एग्जाम को क्रैक किया था तब उनकी उम्र केवल 21 वर्ष थी. परीक्षा पास करने के बाद वह आईपीएस अधिकारी बन गईं. लेकिन उनकी मंजिल आईएएस थी. इसलिए उन्होंने अगले साल फिर परीक्षा दी और इस बार उन्होंने फिर परीक्षा क्रैक की और 105 वीं रैंक प्राप्त की. उन्होंने यूपीएससी एग्जाम को अपने दम पर ही क्रैक किया. उन्होंने किसी भी कोचिंग का सहारा नहीं लिया.
यहां से मिली प्रेरणा
वह बताती हैं कि स्कूल दिनों में एक कार्यक्रम में एसडीएम को गेस्ट बनाया गया था. तब उनका रुतबा और स्पीच सुनकर उनको भी कुछ बड़ा करने की लालसा हुई. छोटी क्लास में ही उनका चयन नवोदय में हो गया था. जब उन्होंने कॉलेज में एडमिशन लिया तो उन्हें यूपीएससी के बारे में जानकारी हुई. जिसके बाद उन्होंने इसका सिलेबस आदि चीजें देखीं. उनका कहना है कि सभी बातें समझने के बाद उन्होंने परीक्षा के लिए तैयारी शुरू कर दी.
इंटरनेट की मदद से की तैयारी
दिव्या बताती हैं कि उस वक्त उनके दिमाग पर काफी प्रेशर था लेकिन उन्होंने तैयारी जारी रखी हालातों को अपने काबू में रखा. दिमाग में नकारात्मक विचार नहीं आने दिए. उनकी तैयारी में उनकी मां से लेकर भाई बहन तक सबने खूब स्पोर्ट किया. वह बताती हैं कि उन्होंने इंटरनेट की मदद से परीक्षा की तैयारी की. उन्होंने टॉपर्स के इंटरव्यू देखें. परीक्षा की तैयारी करने के लिए एनसीईआरटी की किताबों की मदद ली. उनका मानना है कि मेहनत कभी बर्बाद नहीं जाती आज नहीं तो कल उस मेहनत का फल आपको जरूर मिलता है.
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