IRS Kuldeep Dwivedi Success Story: अगर आपके अंदर कुछ पाने की ललक है तो आप कुछ भी कर सकते हैं. आज हम आपको एक ऐसे ही आधिकारिक की कहानी बताने जा रहे हैं. जो गरीब परिवार से आते हैं लेकिन उनके हौसले इतने बुलंद थे कि उन्होंने यूपीएससी जैसी मुश्किल परीक्षा में सफलता के झंडे गाड़ दिए. आइए जानते हैं कौन है वो अफसर जिसने किताब मांगकर पढ़ाई की और अपने सपनों को और परिवार की उम्मीदों को खत्म नहीं होने दिया.


हम बात कर रहे हैं उत्तर प्रदेश के छोटे से गांव शेखपुर के रहने वाले कुलदीप द्विवेदी की. कुलदीप के पिता प्रदेश की राजधानी लखनऊ में सिक्योरिटी गार्ड के तौर पर काम करते थे. उन्हें बहुत ही ज्यादा कम सैलरी मिलती थी. जिससे परिवार के गुजर बसर में भी परेशानी होती थी. कुलदीप के माता-पिता शिक्षा को गरीबी से मुक्ति का मार्ग मानते थे. उन्होंने सीमित शिक्षा प्राप्त होने के बाद भी अपने बच्चों को पढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया. उनके पिता 12वीं पास हैं जबकि मां 5वीं क्लास पास हैं. अपने 4 भाई बहनों में कुलदीप सबसे ज्यादा होशियार थे.


उनकी बहन ने एक इंटरव्यू में बताया था कि अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में पढ़ने वाले चचेरे भाई-बहनों को देखकर उन्हें बुरा लगता था, लेकिन उनके माता-पिता हमेशा बेहतर करने का प्रयास करते थे. वह अपने पिता से घर का किराए के लिए दिए गए रुपयों से ही अपना काम चलाया करते थे. लेकिन उन्होंने अपनी मेहनत और लगन के दम पर पहले प्रयास में यूपीएससी परीक्षा पास की.


खुद से की तैयारी


कुलदीप ने वर्ष 2009 में इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन की. इसके बाद उन्होंने साल 2011 में पोस्ट ग्रेजुएशन कम्प्लीट किया और फिर मोबाइल व लैपटॉप के बिना यूपीएससी की तैयारी शुरू की. कोचिंग का खर्च न होने की वजह से उन्होंने दोस्तों से किताबें उधार लीं और खुद से पढ़ाई कर यूपीएससी एग्जाम क्रैक किया.


पहले अटेम्प्ट में UPSC क्रैक


कुलदीप द्विवेदी 2015 में अपने पहले अटेम्प्ट में एग्जाम पास कर 242वीं रैंक प्राप्त की. जिसके बाद वह आईआरएस अफसर बन गए. कुलदीप की मेहनत और जज्बा इस बात की गंवा है कि सफलता के लिए काबिलियत और जुनून होना जरूरी है.


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