UPSC SuccessStory: इंसान की प्रकृति है हारना-जीतना. यह जरूरी नहीं कि हर काम में सौ प्रतिशत सफलता मिले ही. अपनी असफलता को जिसने सबक के रूप में लिया और अपनी राह पर चलने की सोची, उसे अंत में कामयाबी जरूर मिलती है. ऐसी ही प्रेरणादायक कहानी है आईएएस प्रियंका गोयल की. जो लोग छोटी-बड़ी असफलताओं से घबरा जाते हैं. उनके लिए प्रियंका गोयल की कहानी मोटिवेशनल साबित हो सकती है. आइए जानते हैं उनकी कहानी

 

ग्रेजुएशन के बाद शुरू की थी तैयारी

प्रियंका गोयल दिल्ली की रहने वाली हैं. उन्होंने पीतमपुरा में स्थित महाराजा अग्रसेन मॉडल स्कूल से 12वीं तक पढ़ाई की है. इसके बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी के केशव महाविद्यालय से कॉमर्स में बैचलर्स की डिग्री हासिल की. ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी होने के बाद से ही वह सरकारी नौकरी के लिए यूपीएससी परीक्षा की तैयारी में जुट गई थीं.

 

 

ब्यूटी विद ब्रेन है प्रियंका गोयल

आईएएस प्रियंका गोयल दिखने में बॉलीवुड एक्ट्रेस से कम नहीं हैं. सोशल मीडिया पर उनकी जबरदस्त फैन फॉलोइंग है. प्रियंका गोयल सोशल मीडिया पर भी काफी एक्टिव हैं. इंस्टाग्राम पर उनके लाखें फॉलोअर्स हैं. यहां अक्सर वो अपनी तस्वीरें और वीडियो शेयर करती रहती हैं.

 


 

अंतिम अटेंप्ट में बनीं अफसर

प्रियंका को यूपीएससी की परीक्षा में कई बार असफलता मिली, लेकिन उन्होंने हार नहीं माना. मुश्किलों का सामना करते हुए उन्होंने यूपीएससी जैसे कठिन परीक्षा को पास कर दिखाया. प्रियंका गोयल ने यूपीएससी परीक्षा के टोटल छह अटेंप्ट दिए थे. अगर वह यूपीएससी सीएसई 2022 में असफल हो जातीं, तो सरकारी अफसर बनने का उनका ख्वाब अधूरा रह जाता. पांच बार फेल होने के बावजूद उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और आखिरकार उन्होंने वो लक्ष्य हासिल कर लिया. प्रियंका की कहानी यूपीएससी की तैयारी कर रहे छात्र-छात्राओं के लिए एक मिसाल बन चुकी है.

 

बढ़ने लगा था समाज और परिवार का प्रेशर

प्रियंका बताती हैं कि इतने सालों में उन पर समाज और शादी का प्रेशर भी बढ़ने लगा था. उनके पास सिर्फ एक अटेंप्ट बचा था और इसमें उन्हें अपनी काबिलियत साबित कर करनी ही थी. आखिरकार उनकी मेहनत रंग लाई और 2022 यूपीएससी परीक्षा में उन्होंने 369वीं रैंक हासिल कर ली. वो बताती हैं कि पहले प्रयास के दौरान सिलेबस की सही जानकारी नहीं थी.

इसमें वह प्रीलिम्स भी क्लियर नहीं कर पाई थीं. दूसरे प्रयास मे वह 0.7 मार्क्स से कट ऑफ लिस्ट में जगह बनाने से चूक गई थीं. अपने तीसरे प्रयास में वह यूपीएससी मेंस परीक्षा में फेल हो गई थीं. चौथे में CSAT में पीछे रह गई थीं. पांचवें में कोविड काल में उनकी मां के 80% लंग्स डैमेज हो गए थे. इस प्रयास में भी वह प्रीलिम्स क्लियर नहीं कर पाई थीं. अंत में छठवें प्रयास में उन्होंने शानदार सफलता हासिल की.

 


 

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