(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
IAS Success Story: चार बार असफलता मिली लेकिन बिना कोचिंग के पांचवी बार में IAS बने रुशीकेश रेड्डी
कहते हैं न कि अगर जिद्द सच्ची हो और लगन पक्की हो तो कोई भी मंजिल दूर नहीं. कुछ ऐसा ही किस्सा है आंध्र प्रदेश के रुशीकेश रेड्डी का. जिन्होंने चार बार असफलता मिलने के बावजूद पांचवे प्रयास में न सिर्फ IAS बने बल्कि रैंक होल्डर भी बने.
UPSC Success Story Of Rushikesh Reddy: रांझणा फिल्म में एक संवाद था, 'तुम्हारा प्यार न हुआ यूपीएससी का एक्जाम हो गया, 10 साल से क्लीयर ही नहीं हो रहा.' आप समझ सकते हैं कि यूपीएससी की परीक्षा निकालना कितना मुश्किल है, यह जनमानस में पैठा हुआ है. लेकिन वो कहते हैं न कि अगर जिद्द सच्ची हो और लगन पक्की हो तो कोई भी मंजिल दूर नहीं. कुछ ऐसा ही किस्सा है आंध्र प्रदेश के रुशीकेश रेड्डी का. जिन्होंने चार बार असफलता मिलने के बावजूद पांचवे प्रयास में न सिर्फ IAS बने बल्कि रैंक होल्डर भी बने.
मूल रूप से आंध्र प्रदेश के कड़प्पा के रहने वाले रुशीकेश बचपन से ही एक मेधावी छात्र थे. स्कूल के बाद उन्होंने आईआईटी की परीक्षा क्लियर की और आईआईटी दिल्ली में एडमिशन लिया. यहां से ग्रेजुएट होने के बाद रुशीकेश ने यूपीएससी के अटैंप्ट्स देने शुरू किए. अपने पहले ही अटैंप्ट में वो इंटरव्यू तक जा पहुंचे लेकिन 20 नंबर से रह गए. रुशीकेश ने हार नहीं मानी और लगातार यूपीएससी की परीक्षा देते रहे.
दूसरे अटेम्पट में वे मेन्स परीक्षा पास नहीं कर पाए. तीसरे अटेम्पट में उन्होंने तीनों स्टेज क्लियर की और उन्हें रैंक मिली 374. इस रैंक के अंतर्गत उन्हें इंडियन रेलवे ट्रैफिक सर्विस एलॉट हुई. पांचवें अटेम्प्ट के दौरान वे इसी सेवा में कार्यरत थे. हालांकि रुशीकेश अभी भी अपनी रैंक से संतुष्ट नहीं थे इसलिए उन्होंने फिर से अटेम्पट दिया और चौथी बार में सबसे बड़ा झटका उन्हें मिला जब वे प्री भी पास नहीं कर पाए. यहीं से आप समझ सकते हैं कि इस परीक्षा के बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता. आखिरकार अपने पांचवें अटेम्प्ट में रुशीकेश ने 95वीं रैंक के साथ सफलता हासिल की.
कोचिंग के बिना हो सकते हैं सफल
रुशीकेश सफलता के लिए कोचिंग को जरूरी नहीं मानते. उन्होंने खुद बिना कोचिंग लिए सफलता पाई है. रुशीकेश कहते हैं कि सेल्फ स्टडी सबसे जरूरी है. कोचिंग लेने के बाद भी आखिरकार काम सेल्फ स्टडी ही आती है. उन्होंने कहा कि तैयारी कर रहे छात्रों को अपना हौसला बढ़ाते रहना चाहिए. हर परिस्थिति के लिए खुद को तैयार रखें. कई बार यह भी देखा गया है कि चार अटेंप्ट में कोई प्री भी नहीं निकाल पाता लेकिन पांचवे अटेंप्ट में वो सीधा IAS बन जाता है. इसलिए खुद पर भरोसा रखना सबसे जरूरी है.
देखें रुशीकेश के साक्षात्कार का वीडियो
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