अक्सर लोग एक बार फेल होने के बाद उम्मीद छोड़ देते हैं. मगर आज हम आपको एक ऐसे आईपीएस अधिकारी की सक्सेस स्टोरी बताने जा रहे हैं जिन्होंने एक सेमेस्टर में बैक आ जाने के बाद भी पढ़ाई को पूरा किया. विदेश में नौकरी पाई मगर उसे ठुकराकर वो देश की सर्वोत्तम सेवाओं में से एक यूपीएससी के लिए तैयारी की और साल 2013 में टॉप-1 रैंक के साथ आईएएस अधिकारी बने. हम बात कर रहे हैं राजस्थान कैडर के मशहूर आईएएस गौरव अग्रवाल के बारे में जिन्होंने विदेश की लाखों की नौकरी छोड़कर देश के लिए काम करने का बीड़ा उठाया.
हांगकांग से नौकरी छोड़ शुरू यूपीएससी की तैयारी
गौरव अग्रवाल आईआईएम लखनऊ से वित्त प्रबंधन में भी डिग्री हासिल की. उन्हें लखनऊ आईआईएम में उत्कृष्ट अकादमी के लिए गोल्ड मेडल मिला. एमबीए करने के बाद गौरव अग्रवाल ने हांगकांग में इन्वेस्टमेंट बैंकर के रूप में अच्छे पैकेज पर नौकरी ज्वाइन की, हालांकि बाद में वह नौकरी छोड़कर वापस भारत आ गए. भारत आकर गौरव अग्रवाल ने यूपीएससी की तैयारी शुरू की.
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16 साल की उम्र में बने आईआईटी टॉपर
गौरव अग्रवाल ने पहले प्रयास में यूपीएससी टॉपर बने और उन्हें आईपीएस रैंक मिली. इसके बाद साल 2013 में दूसरे प्रयास में यूपीएससी टॉपर बनकर राजस्थान कैडर में बतौर आईएएश अधिकारी ज्वाइन किया. जानकारी के अनुसार आईएएस अधिकारी गौरव अग्रवाल बचपन से ही पढ़ाई में बहुत जहीन और मेहनती रहे. उन्होंने अपनी शुरुआती शिक्षा जयपुर में पूरी की, इसके बाद उन्होंने 16 वर्ष की उम्र में सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक इंजीनियरिंग पास की थी.
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बैक पेपर तक देना पड़ गया था टॉपर आईएएस को
साल 2005 में गौरव अग्रवाल ने आईआईटी कानपुर से कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन किया था. हालांकि बीटेक करने के दौरान एक बार थोड़ी परेशानी खड़ी हो गई थी. इसका असर उनके शिक्षा पर पड़ा. बीटेक के कई सब्जेक्ट्स क्लियर नहीं कर पाएं और उन्हें बैक पेपर देने पड़े थे. इसमें कारण उनका एक साल खराब हो गया था. इसी कारण से उनकी डिग्री जो 4 साल में पूरी होनी थी, उसे पूरा होने में ज्यादा समय लगा.
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