नई दिल्ली: 12वीं की बोर्ड परीक्षा दे रहे स्टूडेंट्स के लिए करियर ऑप्शन के तौर पर पैरामेडिकल का चुनाव एक अच्छा विकल्प साबित हो सकता है. पैरामेडिकल जॉब ओरिएंटेड कोर्स है. स्टूडेंट्स पैरामेडिकल को करियर ऑप्शन के तौर पर चुन कर अपने आने वाले कल को बेहतर बना सकते हैं.


 पैरामेडिकल कोर्स की बेसिक डिटेल्स


पैरामेडिकल का कोर्स स्टूडेंट्स को एलाइड हेल्थ केयर वर्कर के तौर पर काम करने का मौका देता है. एलाइड हेल्थ केयर वर्कर आम तौर पर हेल्थ केयर वर्कर (नर्सिंग, मेडिसिन और फार्मेसी) से अलग होते हैं. डेंटल हाईजिनिस्ट, डायग्नोस्टिक मेडिकल सोनोग्राफर, डाइटिशियन, मेडिकल टेक्नोलॉजी, फिजिकल थेरेपिस्ट, रेडियोग्राफर, रेसपीरेटरी थेरेपिस्ट, ऑक्युपेशनल थेरेपिस्ट और स्पीच लैंग्वेज पैथोलॉजिस्ट को एलाइड हेल्थ केयर वर्कर के तौर पर जाना जाता है.


पैरामेडिकल कोर्स का रुख कर सकते हैं स्टूडेंट्स


पैरामेडिकल की पढ़ाई करने के लिए स्टूडेंट्स के पास 12वीं या ग्रेजुएशन की डिग्री का होना अनिवार्य है. मेडिकल की पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स का पहला सपना एमबीबीएस, बीडीएस और बीएएमएस में एडमिशन लेना होता है, लेकिन एंट्रेंस एग्जाम में सफलता न मिल पाने पर स्टूडेंट्स पैरामेडिकल कोर्स का रुख कर सकते हैं.


क्या है एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया


पैरामेडिकल में बैचलर डिग्री कोर्स के लिए स्टूडेंट्स को बारहवीं पास होना अनिवार्य है. साथ ही स्टूडेंट्स के पास बारहवीं में फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी सब्जेक्ट का होना भी जरूरी है.


पैरामेडिकल के बैचलर कोर्स


बीएससी ऑपरेशन थिएटर टेक्नोलॉजी


बीएससी एक्स रे टेक्नोलॉजी


बीएससी रेडियोथेरेपी एंड मेडिकल इमेजिंग


बीएससी डायलिसिस टेक्नोलॉजी


बीएससी मेडिकल रिकॉर्ड टेक्नोलॉजी


बीएससी मेडिकल लेबोरेटरी टेक्नोलॉजी


बीएससी ऑपथेमिक टेक्नोलॉजी


बैचलर ऑफ ऑक्युपेशनल थेरेपिस्ट


बैचलर ऑफ फिजियोथेरेपी


बीएससी स्पीच थेरेपी


बीएससी इन ऑडियोलॉजी


बीएससी इन एनेस्थीसिया टेक्नोलॉजी


बीएससी इन ऑडियोलॉजी एंड स्पीच थेरेपी


पैरामेडिकल के ये कोर्स देशभर के सरकारी और गैर-सरकारी मेडिकल संस्थानों के जरिए कराया जाता है. अलग-अलग मेडिकल संस्थानों में पैरामेडिकल कोर्स और सीट की संख्या अलग है.


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