CBSE और सीआईएससीई द्वारा कक्षा 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं को रद्द कर दिया है. वहीं सीबीएसई के इस फैसले के बाद कई राज्यों ने भी अपनी बोर्ड परीक्षाएं रद्द करने की घोषणा की है. वहीं पश्चिम बंगाल बोर्ड परीक्षाओं को लेकर अभी तक कोई अंतिम फैसला नहीं लिया गया है.


इन सबके बीच पश्चिम बंगाल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (WBBSE) और वेस्ट बंगाल काउंसिल ऑफ हायर सेकेंडरी एजुकेशन (WBCHSE) के शीर्ष अधिकारियों ने बुधवार को निर्धारित ज्वाइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस को भी रद्द कर दिया था जिसमें उन्हें माध्यमिक (कक्षा 10) और हायर सेकेंडरी (कक्षा 12) की इस साल की परीक्षा के शेड्यूलिंग पर अपने फैसले की घोषणा करनी थी.


6 सदस्यीय विशेषज्ञ समिति का किया गया है गठन


हालांकि, परीक्षाओं के बाद की तारीख में निर्धारित होने की उम्मीद रखते हुए, राज्य सरकार ने बुधवार को कोविड -19 स्थिति के दौरान परीक्षा आयोजित करने और प्रश्नपत्रों के मूल्यांकन के तरीके सुझाने के लिए 6 सदस्यीय विशेषज्ञ समिति का गठन किया है. पैनल को 72 घंटे के भीतर अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपने के लिए कहा गया है.


कमेटी कई चीजों पर देगी अपनी राय


बोर्ड के सूत्रों ने कहा कि गठित की गई कमेटी कई चीजों पर अपनी राय देगी, कि क्या परीक्षाएं आयोजित करना संभव हैं और यदि यह संभव है तो छात्रों को संक्रमण के संपर्क में आए बिना उन्हें आयोजित करने का तंत्र क्या होगा. समिति परीक्षा न होने की स्थिति में छात्रों के मूल्यांकन के पहलुओं पर भी गौर करेगी.


एक्सपर्ट कमेटी 72 घंटे में सौंपेगी अपनी रिपोर्ट


एक्सपर्ट कमेटी को 72 घंटे के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा गया है. राज्य सरकार विशेषज्ञ समिति द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट का मूल्यांकन करेगी और फिर अंतिम निर्णय लिया जाएगा. हालांकि, इसमें ज्यादा समय नहीं लगेगा क्योंकि बोर्ड छात्रों के तनाव को कम करना चाहता है." बोर्ड के अधिकारियों की राय है कि सीबीएसई और आईएससी की बारहवीं कक्षा की परीक्षा रद्द होने के बाद, एक विशेषज्ञ समिति का गठन बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि बोर्ड के साथ-साथ राज्य सरकार के लिए भी छात्रों का स्वास्थ्य सबसे महत्वपूर्ण है.


इससे पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा था कि राज्य सरकार ने क्रमशः अगस्त के दूसरे सप्ताह और जुलाई के अंतिम सप्ताह में माध्यमिक और उच्च माध्यमिक परीक्षा आयोजित करने का फैसला किया है और केवल अनिवार्य विषयों की परीक्षा ली जाएगी,.  स्कूलों को अंक अतिरिक्त विषयो के लिए आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर मार्क्स देने के लिए कहा गया था.


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