नई दिल्ली: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने साफ किया है कि मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट की एलिजिबिलिटी की शर्ते तय करने और शिकायतों के संबंध में निर्णय करने में उसकी कोई भूमिका नहीं है. यह मेडिकल कॉउंसिल ऑफ इंडिया को भेजा जाना चाहिए.


सीबीएसई का यह सफाई ओपन स्कूल के उम्मीदवारों और 12वीं कक्षा में एक्स्ट्रा सब्जेक्ट के तौर पर बायोलॉजी लेने वाले छात्रों को नीट परीक्षा देने से रोके जाने के बारे में कई शिकायतों के मद्देनजर आई है.


बोर्ड ने अपने सलाह में कहा है कि सीबीएसई की जिम्मेदारी नीट परीक्षा आयोजित करने तक ही सीमित है जो एमसीआई की ओर से तय एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया के आधार पर होती है. एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया तय करने में सीबीएसई की कोई भूमिका नहीं है.

सीबीएसई ने नीट परीक्षा के लिये एलिजिबल उम्मीदवारों से आवेदन मंगाये हैं. यह परीक्षा देशभर में एमबीबीएस और बीडीएस कोर्स में दाखिले के लिये आयोजित कराए जाते हैं. इसके लिये आवेदन की प्रक्रिया 8 फरवरी से शुरू हो गई है. उम्मीदवार 9 मार्च तक आवेदन कर सकते हैं. नीट 2018 परीक्षा पूरे देश में 6 मई को आयोजित की जाएगी.

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