प्रधानमंत्री विद्या लक्ष्मी योजना के लिए कौन-से छात्र कर सकते हैं आवेदन, हर साल कितने बच्चों को मिलेगा लाभ?
इस योजना के तहत देशभर के 22 लाख से अधिक छात्रों को कवर किया जाएगा. यह योजना पूर्ण रूप से गारंटर मुक्त शिक्षा ऋण के लिए सक्षम करेगी.
PM Vidyalaxmi Scheme: प्रधानमंत्री की कैबिनेट ने मेधावी छात्रों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए पीएम-विद्या लक्ष्मी योजना को मंजूरी प्रदान कर दी है. इस योजना का उद्देश्य आर्थिक तंगी की वजह से भारत के किसी भी युवा को गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा प्राप्त करने में सहायता देने का है. इस योजना के तहत देशभर के 22 लाख से अधिक छात्रों को कवर किया जाएगा. यह योजना पूर्ण रूप से गारंटर मुक्त शिक्षा ऋण के लिए सक्षम करेगा इसे छात्रों के अनुकूल और डिजिटल एप्लीकेशन प्रक्रिया के माध्यम से बेहद ही सरल बनाया गया गया, ताकी ज्यादा से ज्यादा छात्र इस योजना का लाभ उठा सकें. आइए जानते इस योजना का छात्रों को कैसे होगा फायदा.
राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत हुई थी सिफारिश
पीएम विद्या लक्ष्मी राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 से निकली एक और महत्वपूर्ण पहल है, जिसमें सिफारिश की गई थी कि सार्वजनिक और निजी दोनों ही तरह के उच्च शिक्षा संस्थानों में मेधावी छात्रों को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जानी चाहिए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की एक अहम बैठक में बुधवार को प्रधानमंत्री विद्या लक्ष्मी योजना को मंजूरी मिल गई है. ये एक नई केंद्रीय स्कीम है जिसका उद्देश्य देश के मेधावी छात्रों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है, ताकि कोई भी छात्र वित्तीय बाधाओं की वजह से उच्च शिक्षा से वंचित न रहे.
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बिना जमानत या गारंटर के मिलेगी लोन की सुविधा
पीएम विद्या लक्ष्मी योजना के तहत, क्वालिटी हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूशन में एडमिशन पाने वाला कोई भी छात्र पाठ्यक्रम से जुड़ी ट्यूशन फीस और अन्य खर्चों की पूरी राशि को कवर करने के लिए बैंकों और वित्तीय संस्थानों से बिना किसी जमानत या गारंटर के लोन प्राप्त करने के लिए पात्र होगा. प्रधानमंत्री विद्या लक्ष्मी योजना को एक आसान, ट्रांसपैरेंट और स्टूडेंट फ्रेंडली सिस्टम के जरिए ऑपरेट किया जाएगा जो इंटर-ऑपरेबल और पूरी तरह से डिजिटल होगी.
10 लाख रुपये तक के लोन पर मिलेगी तीन प्रतिशत ब्याज की छूट
योजना के तहत 7.5 लाख रुपये तक के लोन अमाउंट के लिए छात्र बकाया डिफॉल्ट के 75% की क्रेडिट गारंटी के लिए भी पात्र होगा. इससे बैंकों को योजना के तहत छात्रों को एजुकेशन लोन उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी. इसके अलावा, ऐसे छात्र जिनकी सालाना पारिवारिक आय आठ लाख रुपये या इससे कम है और जो किसी अन्य सरकारी छात्रवृत्ति या ब्याज छूट योजना के तहत लाभ के लिए पात्र नहीं हैं. उन्हें मॉरेटोरियम पीरियड के दौरान 10 लाख रुपये तक के लोन पर तीन प्रतिशत ब्याज छूट भी प्रदान की जाएगी.
हर साल एक लाख छात्रों को मिलेगा लाभ
ब्याज छूट सहायता हर साल एक लाख छात्रों को दी जाएगी. उन छात्रों को प्राथमिकता दी जाएगी, जो सरकारी संस्थानों से हैं और जिन्होंने टेक्निकल/प्रोफेशनल कोर्स का ऑप्शन चुना है. इस योजना पर सरकार वित्त वर्ष 2024-25 से 2030-31 के दौरान 3600 करोड़ रुपये खर्च करेगी और इस अवधि के दौरान सात लाख नए छात्रों को इस ब्याज छूट का लाभ मिलने की उम्मीद है. 10वीं और 12वीं क्लास में 50 प्रतिशत अंक के साथ पास होने वाले छात्रों को इस योजना का लाभ दिया जाएगा.
कैसे मिलेगा एजुकेशन लोन
उच्च शिक्षा विभाग के पास एक एकीकृत पोर्टल 'पीएम-विद्या लक्ष्मी' होगा, जिस पर छात्र सभी बैंकों की ओर से उपयोग की जाने वाली सरलीकृत आवेदन प्रक्रिया के माध्यम से एजुकेशन लोन के साथ ब्याज सबवेंशन के लिए आवेदन कर सकेंगे. ब्याज सबवेंशन का भुगतान ई-वाउचर और सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी वॉलेट के जरिये किया जाएगा.
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