Difference Between CV and Resume: नौकरी के पहले चरण की जब बात आती है तो रेज्यूमे  का जिक्र सबसे पहले होता है. कहीं रेज्यूमे इस्तेमाल होता है तो कहीं सीवी. इन्हीं का एक फॉर्म और है जिसे बायोडेटा कहते हैं. इन तीनों में आपस में थोड़ा ही अंतर होता है. हालांकि ये अंतर जरूरी है और साथ ही जरूरी है इस अंतर को समझना. कुछ जॉब ऐसी होती हैं जिनमें सीवी देना चाहिए तो कुछ जॉब रेज्यूमे की डिमांड करती हैं. जानते हैं इस फर्क को और इसके प्रयोग को.


क्या है अंतर


सीवी, बायोडेटा और रेज्यूमे, इन तीनों का ही इस्तेमाल नौकरी के लिए किया जाता है. आज जानते हैं इनमें अंतर क्या है. सीवी एक डिटेल्ड डॉक्यूमेंट होता है जो व्यक्ति की अचीवमेंट, उसके एक्सपीरियंस, रिसर्च आदि के बारे में खुलकर बताता है और सामान्य तौर पर लंबा होता है.


रेज्यूमे छोटा डॉक्यूमेंट होता है जो आपकी एजुकेशनल क्वालिफिकेशन से लेकर बाकी सभी डिटेल्स को कम शब्दों में क्रिस्प करके बताता है. इसमें कैंडिडेट की सबसे जरूरी चीजें हाईलाइट की जाती हैं. तीसरा ऑप्शन है बायोडेटा. ये एक विस्तृत डॉक्यूमेंट होता है जिसमें आपके करियर से संबंधित अचीवमेंट के साथ ही आपकी बहुत सी पर्सनल इंफॉर्मेशन होती है. जैसे एज, जेंडर, मैरिटल स्टेट्स, रिलीजन, हॉबीज आदि. इसमें प्रोफेशनल से ज्यादा पर्सनल डिटेल होते हैं.


किस जॉब में किसकी जरूरत


रेज्यूमे, बायोडेटा और सीवी को नौकरी की जरूरत के मुताबिक इस्तेमाल किया जाता है. ज्यादातर जगहों और संस्थानों में सीवी और रेज्यूमे ही चलता है लेकिन कुछ जगहों पर बायोडेटा मांगा जाता है. गवर्नमेंट और मिलिट्री जैसी जगहों पर बायोडेटा मांगा जाता है. रिसर्च, एकेडमिक खासकर टीचिंग आदि के लए सीवी देना चाहिए. कई बार कंपनी ही साफ कर देती है कि उसे सीवी चाहिए या रेज्यूमे. कंफ्यूजन हो तो आप कंपनी से पूछ भी सकते हैं कि उन्हें क्या चाहिए. आपको रेज्यूमे, सीवी और बायोडेटा तैयार रखने चाहिए और जरूरत के मुताबिक इस्तेमाल करने चाहिए. 


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