MBBS के लिए बांग्लादेश इंडियन स्टूडेंट्स की पसंद क्यों है, क्या करता है भारतीय छात्रों को आकर्षित?
भारतीय छात्रों को एमबीबीएस के लिए बांग्लादेश क्यों पसंद आता है. यहां की मेडिकल एजुकेशन में ऐसा क्या है जो हर साल काफी इंडियन स्टूडेंट्स मेडिकल की पढ़ाई के लिए यहां जाते हैं?
Why Indian Students Study MBBS In Bangladesh: बांग्लादेश इस समय भयंकर राजनीतिक उथल-पुथल से गुजर रहा है. इस माहौल में वहां कई सारे भारतीयों के फंसे होने की भी खबर आयी है जिसमें से काफी संख्या में मेडिकल स्टूडेंट्स हैं. यहां से छात्र एमबीबीएस करने के लिए बांग्लादेश क्यों जाते हैं. पड़ोसी देश से हर लिहाज में सक्षम अपने देश को छोड़ वहां ऐसा क्या है जो इंडियन मेडिकल स्टूडेंट्स को अट्रैक्ट करता है? जानते हैं.
विदेशी मेडिकल छात्रों के लिए व्यवस्था
पहला कारण ये है कि बांग्लादेश का एजुकेशनल फ्रेमवर्क इंडिया या किसी भी दूसरे देश के लिए बहुत बढ़िया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यहां के मेडिकल कॉलेजों में करीब 25 फीसदी सीटें विदेशी स्टूडेंट्स के लिए रिजर्व रहती हैं. इससे बाहर से आने वाले स्टूडेंट्स को एक अच्छा वातावरण और यहां पढ़ने के लिए स्थान मिल जाता है.
कम खर्च में होती है पढ़ाई
देश में मेडिकल सीटों को देखते हुए और कुल कैंडिडेट्स की संख्या देखते हुए बहुत सारे स्टूडेंट्स को यहां एडमिशन नहीं मिल पाता है. खासकर जिन छात्रों को सरकारी संस्थान में प्रवेश नहीं मिलता है, उनके लिए कई बार प्राइवेट इंस्टीट्यूट्स की फीस भरना कठिन होता है. यहां के गवर्नमेंट कॉलेजों में साल के 10 हजार से 1.7 लाख प्रति एनम के हिसाब से पढ़ाई हो जाती है.
वहीं प्राइवेट संस्थानों की बात करें तो ये साल के 10 से 28 लाख के बीच हो सकता है. ऐसे में कैंडिडेट्स को बांग्लादेश का रुख करना सस्ता लगता है. बांग्लादेश में मेडिकल की पढ़ाई पूरी करने की कुल कॉस्ट ही 25 लाख के आसपास आती है. ऐसे में इंडियन स्टूडेंट्स को बांग्लादेश जाना ज्यादा सस्ता और अच्छा लगता है.
मान्यता प्राप्त हैं संस्थान
बांग्लादेश के मेडिकल इंस्टीट्यूट्स से न केवल कम पैसे में एमबीबीएस किया जा सकता है बल्कि यहां के संस्थान डब्ल्यूएचओ और एमसीआई से मान्यता प्राप्त भी हैं. इससे डिग्री की वैधता पर कोई सवाल नहीं उठता और कैंडिडेट आराम से बिना चिंता के यहां से पढ़ाई कर लेते हैं.
इन देशों का भी करते हैं रुख
देश में एक गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज सीट के लिए करीब 42 छात्रों के बीच कांपटीशन होता है. येकां पटीशन प्राइवेट कॉलेजों में थोड़ा कम हो जाता है पर फिर यहां की फीस भरना हर किसी के बस की बात नहीं. इन दोनों जगहों पर सीट न मिलने के बाद या कई जगहों का खर्च न उठा पाने वाले कैंडिडेट्स दूसरे देशों का रुख करते हैं. इनमें से बांग्लादेश, रूस, किर्गिस्तान और फिलीपींस भी शामिल हैं.
वजहें और भी हैं
इन कारणों के अलावा बांग्लादेश से इंडिया का कल्चर मिलना, यहां से वहां की दूर कम होना, आने-ने में कम पैसा लगना भी कुछ कारण हैं जिनकी वजह से इंडिया के मेडिकल स्टूडेंट्स बांग्लादेश का रुख करते हैं.
यह भी पढ़ें: नीट पीजी पेपर लीक के दावे झूठे, NBEMS ने कहा अभी बना ही नहीं है पेपर...
Education Loan Information:
Calculate Education Loan EMI