NEET 2024: नीट मामले पर IIT मद्रास से क्यों नाराज हैं स्टूडेंट्स? ये है कारण
NEET UG 2024: नीट यूजी मामले में कैंडिडेट्स को आईआईटी मद्रास से क्या शिकायत है. ऐसा क्या कर दिया इंजीनियरिंग संस्थान ने जो मेडिकल के स्टूडेंट्स खफा हैं.
![NEET 2024: नीट मामले पर IIT मद्रास से क्यों नाराज हैं स्टूडेंट्स? ये है कारण Why NEET Students are angry from IIT Madras NEET Ug 2024 Centre Tells Supreme Court no mass malpractice NEET 2024: नीट मामले पर IIT मद्रास से क्यों नाराज हैं स्टूडेंट्स? ये है कारण](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/07/12/d2574fb9781be02ed325efff6477b45d1720769565782140_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
IIT Madras On NEET UG 2024: नीट यूजी मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है. सभी याचिकाकर्ता अपना-अपना पक्ष रख रहे हैं और अपने सपोर्ट में सबूत और रिपोर्ट पेश कर रहे हैं. फिलहाल सुप्रीम कोर्ट ने अगले गुरुवार यानी 18 जुलाई तक के लिए सुनवाई टाल दी है. अब केस की अगली सुनवाई 18 जुलाई को होगी. इस बीच नीट स्टूडेंट्स आईआईटी मद्रास से नाराज हैं. इसके पीछे क्या वजह है आइये जानते हैं.
आईआईटी मद्रास ने नीट स्टूडेंट्स का क्या बिगाड़ा है
बुधवार को सेंटर ने अदालत में एक एफिडेविट दायर किया. इसमें आईआईटी मद्रास की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा गया है कि नीट परीक्षा में ‘मास मालप्रैक्टिस’ नहीं हुई है. ये डेटा एनालिटिक्स रिपोर्ट आईआईटी मद्रास ने सौंपी है जिसमें किसी बड़े समूह या किसी खास सेट ऑफ कैंडिडेट्स के परीक्षा की गड़बड़ी में शामिल होने की बात से इंकार किया गया है.
नहीं हुई मास लेवल पर गड़बड़ी
नीट यूजी 2024 को लेकर आईआईटी मद्रास ने जो डेटा एनालिटिक्स रिपोर्ट दी है, उसके मुताबिक नीट यूजी परीक्षा में किसी प्रकार की मास गड़बड़ी नहीं पायी गई है. यानी ऐसा कुछ नहीं हुआ है जिसमें एक बड़ा समूह या बहुत बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स इनवॉल्व हों. इस प्रकार एनटीए की बात सच साबित होने के चांस बढ़ गए हैं, जिसमें उन्होंने बार-बार ये कहा है कि ये मामला कुछ स्टूडेंट्स का है नाकि पूरे 24 लाख स्टूडेंट्स का जिन्होंने परीक्षा दी है.
स्टूडेंट्स हुए खफा
देशभर से नीट यूजी परीक्षा 2024 में गड़बड़ियों की खबर आ रही है. ऐसे में एक बड़ी संख्या में छात्र चाहते हैं कि री-नीट का फैसला आए. हालांकि कोर्ट अभी मामले की सुनवाई कर रहा है पर ज्यादातर स्टूडेंट्स की मांग है कि परीक्षा कैंसिल कर देनी चाहिए. ऐसे में आईआईटी मद्रास की ये रिपोर्ट उनकी मांग को कमजोर कर सकती है. इसलिए कैंडिडेट्स इस इंजीनियरिंग संस्थान से नाराज हैं.
क्या कहना है कोर्ट का
पिछली सुनवाई में कोर्ट ने सवाल किया था कि उन्हें चेक करना पड़ेगा कि परीक्षा किस हद तक प्रभावित हुई है. इसके बाद ही ये फैसला लिया जा सकता है कि एग्जाम फिर से होना चाहिए या नहीं. परीक्षा कैंसिल न करने के पीछ तर्क ये भी है कि अगर बिना बात के रद्द होता है तो इससे बहुत बड़ी संख्या में कैंडिडेट्स का करियर प्रभावित होगा.
अगली सुनवाई में साफ होंगी चीजें
अगली सुनवाई में यानी 18 जुलाई को चीजें साफ हो सकती हैं कि कोर्ट इस मामले में क्या कहता है. इस बीच काउंसलिंग रोक दी गई थी और नीट यूजी परीक्षा पास करने वाले कैंडिडेट्स की काउंसलिंग भी नहीं हो रही है. सेंटर से लेकर एनटीए और याचिका दायर करने वाले सभी लोगों को इस बीच में अपने केस के सपोर्ट में सबूत जुटाने हैं और कोर्ट द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब भी देना है.
यह भी पढ़ें: ट्रेनी IAS पूजा खडेकर की होगी जांच, जानें यूपीएससी में कैसे मिलता है कोटा
Education Loan Information:
Calculate Education Loan EMI
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)