छात्रों के लिए कितनी जरूरी है वन नेशन वन स्टूडेंट आईडी, इसके लिए कैसे करना होता है अप्लाई?
APAAR Benefits: वन नेशन, वन आईडी यानी अपार कार्ड से स्टूडेंट्स को किस प्रकार फायदा मिलेगा, ये कैसे काम करेगा और इसके लिए इनरोलमेंट कैसे होगा? जानते हैं ऐसे ही सवालों के जवाब.
Benefits of one nation one id: अपार यानी ऑटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक एकाउंट रजिस्ट्री, एक ऐसी आईडी होगी जिसमें किसी भी स्टूडेंट का पूरा एकेडमिक लेखा-जोखा होगा. यानी प्री प्राइमरी से लेकर हायर एजुकेशन तक उसने जो भी पढ़ाई की है, उसके बारे में एक-एक जानकारी मिल जाएगी. ये कोर्स कहां से किए गए, किस क्लास में कितने नंबर आए जैसे सभी डिटेल इस आईडी नंबर से मिलेंगे. इससे स्टूडेंट्स को एक नहीं बल्कि तमाम फायदे मिलेंगे.
बांधेगी एक डोर में
ये आईडी यानी अपार कार्ड एक तरह का स्टूडेंट का आइडेंटिफिकेशन सिस्टम होगा जिसमें उसके बारे में सभी डिटेल दिए होंगे. किसी इंस्टीट्यूट में एडमिशन लेना है या क्लास चेंज करनी है, या किसी कोर्स को बीच में छोड़ना है (एंट्री-एग्जिट पॉलिसी के तहत), इन सभी कामों के लिए अपार कार्ड का इस्तेमाल किय जा सकेगा.
ये एक यूनिक आइडेंटिफिकेशन नंबर होगा, इसका पूरा सिस्टम तैयार होने पर ये कुछ ऐसे काम करेगा कि इसका नंबर डालने पर कैंडिडेट का सारा एकेडमिक रिकॉर्ड खुल जाएगा. पैरेंट्स की सहमित से बच्चों को इसके लिए इनरोल कराया जाएगा और सबी का अपार कार्ड बनेगा.
टीचर्स, कॉलेज और स्टूडेंट्स, सभी के लिए होगा ये कार्ड
यहां स्टूडेंट के कॉलेज, स्कूल और अचीवमेंट्स सभी का पूरा रिकॉर्ड मिलेगा. इसे समझने के लिए ऐसे कह सकते हैं कि ये स्टूडेंट की पूरी एकेडमिक जर्नी यानी प्राइमरी से लेकर जहां तक भी उसने पढ़ाई की है का पूरा रिकॉर्ड होगा. इससे उसे किसी भी कॉलेज में एडमिशन लेना हो, कहीं और अप्लाई करना हो इन सभी में बहुत फायदा मिलेगा. उसे हर समय अपने सभी डॉक्यूमेंट्स साथ लेकर नहीं घूमने होंगे. एक यूनिक नंबर से उसके बारे में सारी जानकारी मिल जाएगी.
होगा बहुत फायदा
नौकरी से लेकर कहीं एडमिशन लेने तक, हर जगह इसका फायदा मिलेगा. जब आपका सारा डेटा एक साथ एक ही जगह होगा तो हर जगह न डॉक्यूमेंट्स कैरी करने होंगे और न ही उनके खोने का डर होगा. यहां स्टूडेंट का डेटा एकदम सेफ रहेगा और ये माता-पिता की सहमति से स्कूलों में बनवाया जाएगा. पैरेंट्स को ये भी अधिकार होगा कि वे जब चाहें अपना इनरोलमेंट वापस ले लें.
इसका सजेशन भी एनईपी 2020 के तहत दिया गया था और अब जल्दी ही इस बारे में काम शुरू किया जाएगा. अपार कार्ड बनाने की जिम्मेदारी स्कूलों को दी गई है. हालांकि कई लोग यहां स्टूडेंट डेटा के होने पर उसकी सेफ्टी को लेकर सवाल उठा रहे हैं पर सरकार का कहना है कि स्टूडेंट्स का डेटा एकदम सेफ रहेगा.
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