यूपी के उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने गुरुवार को कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने आगामी शैक्षणिक सत्र (2021-2022) के लिए सभी बोर्डों में स्कूल फीस में किसी भी तरह की वृद्धि पर प्रतिबंध लगा दिया है.
दिनेश शर्मा, जो माध्यमिक शिक्षा विभाग मंत्री भी है, उन्होंने एक बयान में कहा कि कोविड-19 की दूसरी लहर के कारण कई परिवार आर्थिक रूप से प्रभावित हुए हैं और स्कूल फिजिकली रूप से बंद हैं जबकि ऑनलाइन कक्षाएं चल रही हैं. उन्होंने कहा कि, “परिस्तिथियों को देखते हुए सरकार ने संतुलित निर्णय लिया है ताकि आम आदमी को अतिरिक्त भार न उठाना पड़े और स्कूल द्वारा शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों का वेतन भी दिया जा सके.
डिप्टी सीएम ने दिया स्कूलों को ये आदेश
डिप्टी सीएम ने कहा कि स्कूल 2019-20 सत्र में किए गए अरेंजमेंट्स के साथ व्यवस्था के अनुसार फीस ले सकते हैं क्योंकि पिछले साल भी पहली लहर के दौरान इसी तरह की स्थिति के कारण फीस में वृद्धि नहीं की गई थी. उन्होंने आदेश दिया, " जिन स्कूलों ने इस शैक्षणिक सत्र में बढ़ी हुई फीस ली है, उन्हें भविष्य में इसे एडस्ट करना होगा और स्कूलों के बंद होने के दिनों के लिए कोई परिवहन शुल्क नहीं लिया जाना चाहिए."
पैरेंट्स को फीस का मासिक भुगतान का ऑप्शन दें स्कूल
शर्मा ने यह भी कहा कि अगर माता-पिता तीन महीने की अग्रिम फीस नहीं दे पा रहे हैं तो उन्हें मासिक भुगतान करने का विकल्प दिया जाना चाहिए और एक किश्त में ही भुगतान करने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कंप्यूटर, खेलकूद, विज्ञान प्रयोगशाला, पुस्तकालय, वार्षिक समारोह संबंधी फीस जैसी गतिविधियां भी छात्रों से नहीं ली जानी चाहिए.
टीचर्स और स्टाफ को दी जाए रेग्यूलर सैलरी
शर्मा ने कहा, "यदि किसी छात्र के पैरेंस्ट कोविड -19 से पीड़ित हैं, तो उनकी वर्तमान महीने की फीस उनके लिखित अनुरोध पर अगले महीने की फीस में एडजस्ट की जा सकती है." उन्होंने ये भी कहा कि स्कूलों को नियमित रूप से शिक्षकों और उनके कर्मचारियों को भुगतान करना चाहिए.
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