नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में अपने मौजूदा 61 में से 15 विधायकों का टिकट काटा है. 15 में से कुछ विधायकों के बागी तेवर दिखाने के बाद अब आम आदमी पार्टी डैमेज कंट्रोल करने के मोड में आ गई है. आम आदमी पार्टी की ओर से कहा गया है कि जिन विधायकों के टिकट कटे हैं उन्हें भविष्य में बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है. वहीं सीएम केजरीवाल ने भी सभी विधायकों के पार्टी के साथ बने रहने की उम्मीद जताई है.


आम आदमी पार्टी के नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने सरकार बनने पर टिकट कटने वाले विधायकों को नई भूमिका देने का दावा किया. उन्होंने कहा, ''जिन विधायकों के टिकट कटे हैं उन्हें पार्टी में बड़ी जगह दी जाएगी. सरकार बनने के बाद भी इन नेताओं की उसमें भूमिका तय की जाएगी.''


वहीं सीएम केजरीवाल ने सभी 15 विधायकों के पार्टी के साथ बने रहने की उम्मीद जताई है. उन्होंने कहा, ''जिन 15 विधायकों को टिकट नहीं दिया गया है वह पार्टी का हिस्सा हैं और हमारे साथ रहेंगे.'' अरविंद केजरीवाल ने इन विधायकों के दूसरी पार्टियों के संपर्क में होने के दावे को भी नकारा है.


दिल्ली चुनाव: बजट का विरोध नहीं करेंगे केजरीवाल, फंड बढ़ाने की मांग भी की


हालांकि कुछ विधायक ऐसे हैं जिन्होंने टिकट काटे जाने पर पार्टी के खिलाफ खुली बगावत कर दी है. बदरपुर के विधायक नारायण दत्त ने केजरीवाल पर पैसे के बदले टिकट बचने का आरोप लगाया है. नारायण दत्त की जगह पार्टी ने राम सिंह नेता को टिकट दिया है. सीलमपुर के विधायक इशराक खान ने भी टिकट काटे जाने पर बागी तेवर अपनाए हुए हैं.


दिल्ली चुनाव: टिकट कटने वाले विधायकों पर कांग्रेस की नज़र, सुभाष चोपड़ा का बड़ा दावा


बता दें कि दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए 8 फरवरी को मतदान होना है. नतीजों की घोषणा 11 फरवरी को होगी. 2015 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी 67 सीटें जीतने में कामयाब हुई थी.