दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020: दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों के नॉमिनेशन की प्रक्रिया 14 जनवरी से शुरू होने जा रही है. अभी तक दिल्ली की तीनों मुख्य पार्टियों आम आदमी पार्टी, कांग्रेस और बीजेपी ने अपने उम्मीदवारों का एलान नहीं किया गया है. दिल्ली कांग्रेस के कई नेता अपने बच्चों और रिश्तेदारों के लिए टिकट मांग रहे हैं. करीब एक दर्जन नेताओं ने पार्टी से अपने बेटों और बेटियों को टिकट देने के लिए कहा है. रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि कई नेताओं ने अपने बच्चों के लिए टिकट की मांग की है, लेकिन आलाकमान चाहता है कि वे खुद चुनाव लड़ें.


2015 में एक भी सीट नहीं जीत पाने वाली कांग्रेस मजबूत उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में उतारना चाहती है. कांग्रेस नहीं चाहती कि आम जनता व कार्यकर्ताओं के बीच ऐसा कोई संदेश जाए, जिससे लगे कि कांग्रेस के पास मजबूत दावेदार नहीं हैं. 14 जनवरी को कांग्रेस की पहली लिस्ट आने की संभावना जताई जा रही है.


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सज्जन कुमार ने अपने बेटे के लिए टिकट की गुहार लगाई है. वहीं जे. पी. अग्रवाल के बेटे मुदित अग्रवाल भी अपने नामांकन की उम्मीद कर रहे हैं. योगानंद शास्त्री की बेटी भी अपने लिए टिकट मांग रही है.


कांग्रेस दिल्ली की सत्ता में वापसी करने की कोशिश कर रही है, जहां उसने दिवंगत मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के नेतृत्व में 1998 से 2013 तक लगातार 15 सालों तक राज किया था. बता दें कि 2013 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी के 8 विधायक जीत दर्ज करने में कामयाब हुए थे. लेकिन 2015 में आम आदमी पार्टी ने 70 में से 67 सीटों पर जीत दर्ज की, जबकि तीन सीटें बीजेपी के खाते में गईं.


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दिल्ली में आठ फरवरी को मतदान होगा, जबकि वोटों की गिनती 11 फरवरी को होगी.