दिल्ली चुनाव: 2015 में 78 फीसदी उम्मीदवारों की जमानत हुई थी जब्त
दिल्ली चुनाव: 2015 के विधानसभा चुनाव में 673 उम्मीदवार मैदान में उतरे थे. यह पहला मौका था जब दिल्ली के विधानसभा चुनाव में 700 से कम उम्मीदवारों ने हिस्सा लिया.
नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों के नामंकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 21 जनवरी है. अब तक दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए 200 से ज्यादा उम्मीदवार पर्चा दाखिल कर चुके हैं. कांग्रेस और बीजेपी ने अभी तक अपने सभी उम्मीदवारों की लिस्ट जारी नहीं की है, जबकि आम आदमी पार्टी पहले ही सभी 70 सीटों पर अपने उम्मीदवारों का एलान कर चुकी है. 2015 के विधानसभा चुनाव में 525 उम्मीदवार मैदान में उतरे थे और उनमें से 525 ऐसे थे जो कि अपनी जमानत राशि भी बचा पाने में कामयाब नहीं हुए थे.
2015 के विधानसभा चुनाव में करीब 78 फीसदी उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई थी. चुनाव आयोग की जानकारी के मुताबिक 2015 में 606 पुरुष, 66 महिला और एक थर्ड जेंडर उम्मीदवार मैदान में उतरा था. 2015 में 64 पुरुष उम्मीदवारों और 6 महिला उम्मीदवारों को जीत मिली थी.
जमानत राशि
दिल्ली विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए उम्मीदवारों को 10 हजार रुपये की जमानत राशि जमा करनी होती है. हालांकि रिजर्व सीटों पर जमानत राशि पांच हजार रुपये है. जो भी उम्मीदवार कुल डाले गए वोटों का 1/6 फीसदी हासिल नहीं कर पाता है उसकी जमानत राशि जब्त हो जाती है.
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आम आदमी पार्टी की धमाकेदार जीत
2015 के नतीजों की बात करें तो आम आदमी पार्टी ने 67 सीटों के साथ बड़ी जीत दर्ज करके अपनी सरकार बनाई थी. बीजेपी को महज तीन सीटों पर जीत मिली थी, जबकि कांग्रेस और बीएसपी जैसी पार्टियों का खाता भी नहीं खुला था. 2015 में कांग्रेस को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ था. दिल्ली की सत्ता में लगातर 15 साल तक राज करने वाली कांग्रेस पिछले विधानसभा चुनाव में महज 9 फीसदी वोट ही हासिल कर पाई थी.
वहीं आम आदमी पार्टी 54 फीसदी वोट के साथ महज तीन साल में ही दिल्ली की सबसे बड़ी पार्टी बन गई थी. बीजेपी को वोट शेयर के मामले में दो फीसदी का नुकसान झेलना पड़ा था और उसे करीब 32 फीसदी वोट मिले थे. बीएसपी को सिर्फ महज 1.3 फीसदी वोट ही मिले थे.