दिल्ली चुनाव: अकाली दल के साथ नहीं हुआ बीजेपी का गठबंधन, LJP के साथ भी फंसा पेंच
दिल्ली चुनाव: अकाली दल के साथ सहमति नहीं बनने की वजह से दिल्ली में महागठबंधन बनाने की बीजेपी की कोशिशों को तगड़ा झटका लगा है.
नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी और शिरोमणि अकाली दल में गठबंधन को लेकर सहमति नहीं बन पाई है. शिरोमणि अकाली दल 2015 के विधानसभा चुनाव की तरह चार सीटों की मांग कर रही थी. लेकिन बीजेपी नेतृत्व यह मांग मानने के लिए तैयार नहीं हुआ. नामकंन पत्र दाखिल करने की तारीख से एक दिन पहले शिरोमणि अकाली दल ने अब अकेले ही चुनाव मैदान में उतरने का फैसला किया है. बीजेपी के एलजेपी के साथ गठबंधन की तस्वीर भी अभी फाइनल नहीं हो पाई है.
2015 में अकाली दल ने हरिनगर, कालकाजी, राजौरी गॉर्डन और शाहदरा सीटों पर चुनाव लड़ा था. इस बार अकाली दल की मांग हरिनगर, कालकाजी, तिलक नगर, शाहदरा सीटों पर चुनाव लड़ने की थी. बीजेपी ने अकाली दल को दो सीटें ऑफर की थी. इसके साथ ही अकाली दल के एक उम्मीदवार को बीजेपी अपने सिंबल पर चुनाव लड़वाना चाहती थी.
बता दें कि अकाली दल के नेता मनिंदर सिंह सिरसा ने 2017 के राजौरी गार्डन उपचुनाव में बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ा था. मनिंदर सिंह सिरसा जीत दर्ज करने में कामयाब रहे थे और बीजेपी के विधायकों की संख्या तीन से बढ़कर चार हो गई थी.
एलजेपी के साथ भी फंसा पेंच
इससे पहले खबरें आई थीं कि बीजेपी, अकाली दल, जेजेपी, जेडीयू और एलजेपी के साथ मिलकर महागठबंधन बनाने की तैयारी में है. हालांकि अभी तक बीजेपी के जेडीयू के साथ गठबंधन की ही पुष्टि हुई है. बीजेपी ने जेडीयू को दो सीटें ऑफर की है. एलजेपी और जेजेपी को एक-एक सीट मिलने का दावा किया जा रहा है. लेकिन एलजेपी के साथ बुराड़ी सीट को लेकर पेंच फंसा हुआ है. एलजेपी इस सीट की मांग कर रही है, जबकि बीजेपी पहले ही यह सीट जेडीयू को दे चुकी है.
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बीजेपी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए अब तक 57 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की है. बीजेपी के बाकी उम्मीदवारों की घोषणा सोमवार देर रात तक हो सकती है. दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए 8 फरवरी को मतदान होना है, जबकि नतीजों का एलान 11 फरवरी को होगा.