दिल्ली चुनाव: दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया मंगलवार को पूरी हो गई. 70 में से 9 सीटें ऐसी हैं जहां टिकट ना मिलने से नाराज बागी उम्मीदवार आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकते हैं. आम आदमी पार्टी के 6 विधायकों ने बगावत करते हुए निर्दलीय और दूसरी पार्टी से चुनाव लड़ने का फैसला किया है, जबकि कांग्रेस को तीन सीटों पर बगावत का सामना करना पड़ रहा है.


बागी चेहरों में कमांडो सुरेंद्र दिल्ली कैंट से एनसीपी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि द्वारका के विधायक आदर्श शास्त्री को कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार बनाया है. केजरीवाल पर पैसे लेकर टिकट बांटने का आरोप लगाने वाले बदरपुर के विधायक नारायण दत्त बीएसपी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. सीलमपुर से विधायक हाजी इशराक, गोकुलपुर से फतेह सिंह और हरी नगर से जगदीप सिंह ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर पर्चा दाखिल किया है.


कांग्रेस के तीन बागी मैदान में


इसके अलावा आम आदमी पार्टी की पूर्व विधायक अनिल वाजपेयी और अलका लांबा भी चुनावी मैदान में है. अलका लांबा ने लोकसभा चुनाव के वक्त ही कांग्रेस में वापसी की थी. कांग्रेस ने अलका लांबा को चांदनी चौक से अपना उम्मीदवार बनाया है. 2015 में अलका लांबा चांदनी चौक से ही विधायक चुनी गई थीं.


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कांग्रेस के बारे में बात करें तो बाबरपुर और ओखला से पूर्व विधायक रहे विनय शर्मा और आसिफ खान ने पार्टी ने अपने अपने क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर पर्चा दाखिल किया है. कांग्रेस ने ओखला सीट पर आसिफ खान की बजाए पूर्व सांसद परवेज हाशमी को टिकट दिया. इसके अलावा मेयर रहे सतबीर सिंह ने महरौली से अपना नामांकन दाखिल किया है. महरौली से कांग्रेस ने महेंद्र चौधरी को अपना उम्मीदवार बनाया है.


2015 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी 67 सीटें जीतने में कामयाब रही थी, जबकि कांग्रेस का खाता भी नहीं खुला था. दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए 8 फरवरी को मतदान होना है. नतीजों का एलान 11 फरवरी को होगा.