2019 के 19 मुद्दे | सीरीज-5: फिर उठा वंदे मातरम् का मुद्दा, मोदी, गिरिराज से लेकर प्रज्ञा ने ‘नहीं’ कहने वालों को लताड़ा
वंदे मातरम् का विवाद भी अब लोकसभा चुनाव का बड़ा मुद्दा बनता जा रहा है. पीएम मोदी के अलावा गिरिराज सिंह और साध्वी प्रज्ञा ठाकुर भी वंदे मातरम् को लेकर बयान दे चुकी हैं.
नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव के बीच देश में वंदे मातरम् का मुद्दा एक बार फिर गर्म होता दिख रहा है. आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार के दरभंगा में चुनावी रैली के दौरान वंदे मातरम् को लेकर विपक्ष को जमकर खरी खोटी सुनाई. पीएम मोदी ने कहा कि कुछ लोगों को 'भारत माता की जय' और 'वंदे मातरम्' से समस्या है, ऐसे लोगों की जमानत जब्त होनी चाहिए. पीएम मोदी से पहले केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह और भोपाल से बीजेपी उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा ठाकुर भी वंदे मातरम् को लेकर बयान दे चुकी हैं.
वंदे मातरम को लेकर मोदी ने क्या कहा है?
पीएम मोदी ने कहा कि कुछ लोगों को 'भारत माता की जय' और 'वंदे मातरम्' से समस्या है, ऐसे लोगों की जमानत जब्त होनी चाहिए या नहीं? विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, ‘‘जिस आतंकवाद ने श्रीलंका में 350 से ज्यादा मासूमों की जान ले ली, क्या वह मुद्दा नहीं है? हमारे पड़ोस में आतंक की फैक्ट्री चल रही है और महामिलावटी कहते हैं कि आतंकवाद मुद्दा ही नहीं है. नए भारत में यह बहुत बड़ा मुद्दा है. यह नया हिन्दुस्तान है, यह आतंक के अड्डों में घुसकर मारेगा.’’
मोदी ने आरजेडी नेता के किस बयान पर किया पलटवार?
दरअसल तीन दिन पहले दरभंगा लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे आरजेडी के वरिष्ठ नेता और बिहार के पूर्व मंत्री अब्दुल बारी सिद्दीकी ने ‘वंदे मातरम्’ नहीं गाने को लेकर नया विवाद खड़ा कर दिया था. अब्दुल बारी सिद्दीकी ने कहा था कि मुझे ‘भारत माता की जय’ बोलने में कोई परेशानी नहीं है लेकिन राष्ट्रगीत वंदे मातरम गाना उनकी आस्था के खिलाफ है. सिद्दीकी ने कहा, ‘‘जो एकेश्वर में विश्वास रखता है वह कभी भी ‘वंदे मातरम’ नहीं गाएगा.’’ पीएम मोदी का आज का बयान सिद्दीकी के इसी बयान पर पलटवार था.
वंदे मातरम् को लेकर सामने आए दो नेताओं के ये ताजा बयान
मध्य प्रदेश में राजधानी भोपाल लोकसभा सीट से बीजेपी उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा ठाकुर भी इस विवाद में कूद पड़ी. एक रोड शो के दौरान उन्होंने कहा, ‘’भारत में रहना है तो वंदे मातरम कहना होगा. उन्होंने कहा, ‘’इस देश में खाकर, इस देश में रहते हो, इस देश में पीते हो और इस देश के नहीं हो तो विश्व में कभी भी किसी के नहीं हो सकते. ईश्वर के भी नहीं हो सकते.’’ प्रज्ञा ने इस बयान के बाद लोगों से वंदे मातरम के नारे लगवाए.
इसी दौरान केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने भी वंदे मातरम् को लेकर बयान दिया. गिरिराज सिंह ने मुस्लिम समुदाय के लोगों को चेतावनी देते हुए कहा, ‘’अगर कब्र के लिए तीन हाथ जगह चाहिए तो इस देश में वंदेमातरम गाना होगा और भारत माता की जय कहना होगा. अगर तुम ऐसा नहीं कर पाओगे तो देश तुम्हें कभी माफ नहीं करेगा.’’
यूपी इलाहबाद और मेरठ में भी हो चुका है इसको लेकर विवाद
ये पहला मामला नहीं है जब वंदे मातरम् को लेकर विवाद हुआ हो. इससे पहले उत्तर प्रदेश के इलाहबाद और मेरठ में इसको लेकर विवाद हो चुका है. कुछ महीने पहले मेरठ नगर निगम की बैठक में वंदे मातरम के नारे को लेकर जमकर विवाद हुआ था. नगर निगम की बैठक में 'भारत देश में रहना होगा, वंदे मातरम कहना होगा' के नारे लगे थे.
गौरतलब है कि साल 2014 में सत्ता में आने के बाद से मोदी सरकार ने राष्ट्रवाद के मुद्दे को हमेशा सर्वोपरी रखा है. उरी और पुलवामा आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान में घुसकर आतंकियों पर भारतीय सेना की सर्जिकल स्ट्राइक के बाद से मोदी सरकार ने हर मंच पर इस मुद्दे को भुनाने की कोशिश की है. इन पांच सालों में मोदी सरकार ने विकास के मुद्दे से ज्यादा राष्ट्रवाद के मुद्दे को तरजीह दी है.
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