गुजरात विधानसभा का चुनाव आम आदमी पार्टी की राजनीतिक यात्रा के लिए अहम पड़ाव साबित होने जा रहा है. अन्ना आंदोलन से निकली इस पार्टी ने 10 सालों के अंदर ही दिल्ली में तीन बार सरकार बना चुकी है.
आप ने पंजाब में कांग्रेस-अकालीदल जैसे बड़े दलों को हराकर वहां की भी सत्ता पर कब्जा कर लिया है. हालांकि उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के आगे पार्टी कुछ खास नहीं कर पाई है. उत्तराखंड में भी बीजेपी के सामने प्रदर्शन फीका पड़ गया है.
लेकिन इन राज्यों में आम आदमी पार्टी के पास खोने के लिए कुछ नहीं था. इसी तरह अब पार्टी की नजर गुजरात और हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव में है. किसी भी दल को राष्ट्रीय पार्टी बनने के लिए तीन मापदंडों में से किसी एक पर खरा उतरना होता है.
- पार्टी को चार राज्यों में श्रेत्रीय दल की मान्यता मिली हो.
- पार्टी तीन राज्यों को मिलाकर लोकसभा की 2 प्रतिशत सीटें जीतती हो. मतलब कम से कम 11 लोकसभा सीटें हों लेकिन ये एक राज्य की न होकर किन्हीं तीन राज्यों की होनी चाहिए.
- कोई पार्टी चार लोकसभा सीटों के अलावा विधानसभा चुनाव में चार अलग-अलग राज्यों में 6 फीसदी वोट पाई हो.
अब सवाल ये है राज्यों में क्षेत्रीय दल की मान्यता पाने के लिए किसी पार्टी के पास क्या योग्यता होना चाहिए. इसके लिए 3 नियम बनाए गए हैं.
- राज्य में लोकसभा या विधानसभा चुनाव में पार्टी को 8 फीसदी वोट मिले हों.
- विधानसभा चुनाव में 6 प्रतिशत वोट और दो मिलती हैं तो उसको भी राज्य निर्वाचन आयोग मान्यता देता है.
- किसी भी राज्य में पार्टी को विधानसभा की तीन सीटें मिल जाएं.
चुनाव आयोग ने अभी तक बीजेपी, कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी एवं नेशनल पीपुल्स पार्टी को राष्ट्रीय दल की मान्यता दी है.
इनमें से किसी भी दल की मान्यता अगर राष्ट्रीय पार्टी की तौर पर खत्म कर दिया जाए तो वो पूरे देश में एक ही सिंबल पर चुनाव नहीं पड़ पाएगी. हर राज्य के लिए उसको अलग-अलग सिंबल दिया जाएगा.
आम आदमी पार्टी के पास कैसे है मौका?
आम आदमी पार्टी को तीन राज्यों में क्षेत्रीय दल की मान्यता दी जा चुकी है. अगर चौथे राज्य में उसको मान्यता मिलती ही उसे राष्ट्रीय दल घोषित कर दिया जाएगा. गुजरात और हिमाचल प्रदेश के चुनाव में किसी भी एक राज्य में अगर पार्टी 6 फीसदी वोट और 2 सीटें जीत लेती है तो उसे राष्ट्रीय पार्टी की मान्यता मिल जाएगी.
हिमाचल प्रदेश में चुनाव कार्यक्रम
हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव का एलान हो गया है. 12 नवंबर को मतदान होगा और 8 दिसंबर को मतगणना होगी. चुनाव के लिए अधिसूचना 17 अक्टूबर को जारी हो गई है. नामांकन करने की आखिरी तारीख 25 अक्टूबर थी जो 29 अक्टूबर तक नाम वापस लिया जा सकता था.
गुजरात में चुनाव कार्यक्रम
गुजरात की 182 विधानसभा सीटों पर 2 चरणों में चुनाव होगा, पहले चरण की वोटिंग 1 दिसंबर और दूसरे चरण की वोटिंग 5 दिसंबर को होगी. इस चुनाव के नतीजों के लिए 8 तारीख को मतगणना होगी.