नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव प्रचार के बीच आम आदमी पार्टी (आप) और दिल्ली पुलिस में ठन गई है. ताजा विवाद AAP के कॉल सेंटर पर छापेमारी को लेकर शुरू हुआ है. इसके खिलाफ चुनाव आयोग के बाहर दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया समेत अन्य नेता धरने पर बैठ गए हैं. चुनाव आयोग के अधिकारियों से मुलाकात की मांग को लेकर धरने पर बैठे नेताओं में राज्यसभा सांसद संजय सिंह, आतिशी और राघव चड्ढा भी हैं.





दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप नेता अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा, ''चार दिन में तीसरी रेड? और जब हम पूछ रहे हैं कि हमारा गुनाह क्या है तो पुलिस कुछ नहीं बता रही? बस एक ही बात बोल रही है पुलिस - आपका data दे दो. इसका मतलब चुनाव आयोग हमारा data लेकर अमित शाह को देना चाहता है.''


उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, ''सभी MLA और सभी लोग चुनाव आयोग पहुंचें. आज चुनाव आयोग को बताना पड़ेगा कि हमारे ऊपर रेड क्यों करवाई जा रही हैं. हमारा क़सूर क्या है?''


जिसके बाद मनीष सिसोदिया ने ट्वीट कर कहा, ''मैं चुनाव आयोग के बाहर खड़ा हूं और चुनाव आयोग से मिलने के लिए इंतजार कर रहा हूं. जब तक EC नहीं मिलेगी तब तक मैं निर्वाचन सदन के बाहर इंतज़ार करूंगा.''





अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पुलिस कॉल सेंटर में पहुंची और केवल सर्वर डिटेल्स और डाटा के बारे में जानकारी हासिल करने की कोशिश की. आम आदमी पार्टी के अन्य नेता पुलिस की कार्रवाई को लेकर लगातार ट्वीट कर रहे हैं.


दिल्ली किसी व्यक्ति या पार्टी की संपत्ति नहीं, जनता पूर्ण राज्य पर फैसला करेगी- अरविंद केजरीवाल


मनीष सिसोदिया ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ''लोकतंत्र में चुनाव के समय चुनाव आयोग ही राजनीतिक दलों का माई बाप होता है. बीजेपी के इशारे पर AAP के कॉल सेंटर्स पर चारों तरफ छापे डाले जा रहे हैं. दिल्ली पुलिस की गुंडागर्दी रोकना ज़रूरी है. निष्पक्ष चुनाव की गुहार लेकर हम चुनाव आयोग के दरवाजे पर बैठे हैं.''


क्या है विवाद?
आम आदमी पार्टी (आप) ने लाखों की संख्या में मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हटाने का मामला उठाते हुये कॉल सेंटरों की मदद से दिल्ली के लोगों को फोन कॉल कर उनके नाम सूची में जुड़वाने की पहल की थी. आयोग से की गयी इसकी शिकायत के आधार पर दिल्ली पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरु कर दी है. आप नेताओं का आरोप है कि बीजेपी के इशारे पर दिल्ली पुलिस कॉल सेंटर संचालकों का शोषण कर रही है.