ABP C-Voter Survey: उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों को लेकर एक सर्वे किया गया, जिसमें चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं. उत्तर प्रदेश में इस समय लोकसभा चुनावों को लेकर सबसे ज्यादा सियासी उथल-पुथल चल रही है. 2019 में जो पार्टियां साथ थीं, इस बार वह अलग-अलग चुनाव लड़ रही हैं. समाजवादी पार्टी और कांग्रेस साथ हैं तो बहुजन समाज पार्टी ने अकेले मैदान में उतरने का फैसला किया है, जो पिछली बार सपा के साथ थी. उधर, असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम भी मैदान में है. राष्ट्रीय लोक दल के जयंत चौधरी ने सपा से अलग होकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) के साथ चुनाव लड़ने का फैसला किया है.
यूपी में हुए इन राजनीतिक बदलावों के बीच एबीपी के लिए सी वोटर ने सर्वे किया, जिसमें सामने आया कि किस पार्टी को कितनी सीटों पर जीत मिल सकती है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दावा किया है कि बीजेपी यूपी की 80 लोकसभा सीटें जीतेंगे. सर्वे में बीजेपी के नेतृत्व वाला एनडीए गठबंधन 80 सीटों के बेहद करीब नजर आ रहा है. उधर, यूपी में सपा और कांग्रेस वाला INDIA गठबंधन बहुत दूर दिख रहा है. सर्वे के आंकड़ों से यह भी सामने आया कि बीएसपी के अकेले चुनाव लड़ने का INDIA गठबंधन को नुकसान उठाना पड़ सकता है, जबकि इससे बीजेपी को फायद मिलता दिख रहा है.
एनडीए की यूपी की 74 सीटों पर मिल सकती है जीत
सर्वे के आंकड़े कहते हैं कि लोकसभा चुनाव में यूपी में एनडीए को 51 फीसदी वोट मिल सकता है. वहीं, INDIA गठबंधन को 35 फीसदी और 8 फीसदी वोट मायावती की पार्टी बीएसपी को जाता दिख रहा है. हालांकि, सर्वे के आंकड़े कहते हैं कि बीएसपी के पास कोई सीट नहीं जाएगी, लेकिन 8 फीसदी वोट उनके पास जाने से INDIA के वोट को नुकसान पहुंचेगा. सर्वे के अनुसार, एनडीए को 74 सीटों पर जीत मिलती दिख रही है. यह आंकड़ा 80 के बेहद करीब है. सपा और कांग्रेस के INDIA गठबंधन के पाले में 6 सीटें जा सकती हैं, जबकि बसपा और अन्य को एक भी सीट का फायदा होता नहीं दिख रहा है.
समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने इन दिनों पश्चिमी उत्तर प्रदेश की सीटों पर अपना फोकस बढ़ा दिया है. वह यहां खूब रैलियां कर रहे हैं. 2019 के नतीजों की बात करें तो सपा और बसपा गठबंधन को पश्चिमी यूपी की 27 में से 8 सीटों पर जीत मिली थी, जबकि बाकी की 19 सीटें बीजेपी के पास थीं. पिछली बार सपा-बसपा गठबंधन में जयंत चौधरी भी थे, जो इस बार बीजेपी के साथ हैं और बसपा अकेले मैदान में है. इससे सपा को सबसे ज्यादा नुकसान होता दिख रहा है और उनका मुस्लिम वोट भी बंटता नजर आ रहा है. वेस्टर्न यूपी में 26 फीसदी मुस्लिम आबादी है. 2019 के चुनाव में सपा, बसपा और आरएलडी के साथ आने से गठबंधन को सबसे ज्यादा 73 फीसदी मुस्लिम वोट मिला था, जबकि कांग्रेस को 18 फीसदी, लेकिन इस बार समीकरण बिल्कुल अलग हैं तो देखने वाली बात है कि सपा के वोट बैंक पर इसका कितना प्रभाव पड़ता है.