Manipur Exit Poll Result 2022: मणिपुर में बीजेपी एक बार फिर सरकार बनाने की कोशिश कर रही है, वहीं कांग्रेस सत्ता में वापसी को लेकर बेताब है. चुनाव में दोनों ही दलों ने अपना पूरा जोर लगाया, लेकिन नतीजों से ठीक पहले सामने आए एग्जिट पोल के नतीजे बीजेपी के पक्ष में नजर आ रहे हैं. पिछली बार के मुकाबले इस बार बीजेपी को सीटों और वोट शेयर में फायदा मिलता दिख रहा है. वहीं अगर एग्जिट पोल के नतीजे सही साबित हुए तो कांग्रेस के लिए राज्य में ये एक बड़ा झटका होगा.
पिछले चुनाव की तुलना में किसे कितना फायदा?
एग्जिट पोल के नतीजों की अगर पिछली बार के चुनाव नतीजों से तुलना करें तो बीजेपी को सीटों और वोट शेयर में बड़ा फायदा मिल रहा है. सीटों की अगर बात करें तो एग्जिट पोल के नतीजों के मुताबिक कुल 60 सीटों में से बीजेपी को इस बार 23 से लेकर 27 सीटें मिल सकती हैं. जबकि 2017 विधानभा चुनाव में बीजेपी को 21 सीटों पर जीत मिली थी. बात अगर कांग्रेस की करें तो पार्टी को इस बार पिछले चुनाव की तुलना में बड़ा नुकसान हो सकता है. एग्जिट पोल में कांग्रेस महज 12 से 16 सीटों पर सिमटती हुई दिख रही है. जबकि पिछले चुनाव में कांग्रेस 28 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी.
बाकी के दलों की अगर पिछले चुनावों से तुलना करें तो, एग्जिट पोल में एनपीएफ को 3 से 7 सीटें मिलती दिख रही हैं, पिछली बार पार्टी को 4 सीटों पर जीत मिली थी. एनपीपी को इस बार सीटों में फायदा मिलता दिख रहा है. जहां पिछले चुनाव में एनपीपी को 4 सीटें मिली थीं, वहीं एग्जिट पोल में पार्टी को 10 से 14 सीटों का अनुमान लगाया गया है. वहीं अन्य को इस बार 2 से 6 सीटें मिल सकती हैं. पिछली बार अन्य के खाते में 3 सीटें गई थीं.
वोट शेयर में कौन कहां?
वोट शेयर की अगर बात करें तो जहां बीजेपी का वोट शेयर थोड़ा बढ़ता दिख रहा है, वहीं कांग्रेस के वोट शेयर में भारी गिरावट देखी जा सकती है. एग्जिट पोल के नतीजों के मुताबिक, बीजेपी को इस बार 37.8 फीसदी वोट शेयर मिल सकता है, जो पिछली बार 36.3 फीसदी था. वहीं कांग्रेस के वोट शेयर में करीब 7 फीसदी की गिरावट आ सकती है. एग्जिट पोल में कांग्रेस को 28.7 फीसदी वोट मिलता दिख रहा है, जो पिछले चुनाव में 35.1 फीसदी था. एनपीएफ और एनपीपी का वोट शेयर भी बढ़ सकता है. एनपीएफ को 9.2 फीसदी वोट शेयर का अनुमान लगाया गया है, जो पिछले चुनाव में 7 फीसदी था. वहीं एनपीपी को इस बार 11.2 फीसदी वोट शेयर मिल सकता है, जो 2017 में महज 5 फीसदी था. अन्य की बात करें तो 13.1 फीसदी वोट शेयर उनके खाते में जा सकता है. पिछली बार अन्य को 16.6 फीसदी वोट शेयर मिला था.
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