ABP Opinion Poll: UP में टिकट बंटवारे के हिसाब से मुस्लिमों का बड़ा नेता कौन? सर्वे में ओवैसी को झटका, ये नेता बना पहली पसंद
ABP CVoter Survey for UP Election 2022: एबीपी न्यूज़ ने सी वोटर के साथ किए सर्वे में लोगों की राय ली. सर्वे में लोगों से पूछा गया कि अब तक के टिकट बंटवारे के हिसाब से मुस्लिमों का बड़ा नेता कौन है?
ABP News Survey Election 2022: उत्तर प्रदेश में सियासत अपने चरम पर है. तमाम राजनीतिक दल सत्ता पर काबिज़ होने के दावों के साथ चुनावों में उतर रहे हैं. हर बार की तरह इस बार भी राजनीतिक पार्टियां धर्म से लेकर जाति तक के समीकरण बिठाने में लगी हुई हैं. कोई भी कहीं चूक नहीं करना चाहता. हालांकि इस बार के चुनाव में एक चीज़ जो अलग दिखाई दे रही है वो ये कि मुकाबले में सबसे बड़ी पार्टी मानी जा रही सपा हो या बहुजन समाज पार्टी या फिर कांग्रेस कोई भी मुस्लिम मतदाता को लेकर उस तरह बात करता नहीं दिख रहा है, जैसा कि पिछले चुनावों में होता रहा है.
इसको लेकर एमआईएम के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी तमाम विपक्षी पार्टियों पर लगातार निशाना भी साध रहे हैं और साथ ही खुद को मुस्लिमों का सबसे बड़ा नेता दिखाने की कोशिश भी है. हालांकि यूपी में जनता के मुताबिक मुस्लिमों का सबसे बड़ा नेता कौन है? ये सवाल अहम है.
इसको लेकर एबीपी न्यूज़ ने सी वोटर के साथ किए सर्वे में लोगों की राय ली है. सर्वे में लोगों से पूछा गया कि अब तक के टिकट बंटवारे के हिसाब से मुस्लिमों का बड़ा नेता कौन है? इस पर सबसे ज्यादा 65 फीसदी लोग अखिलेश के साथ दिखाई दिए. इसके बाद 12 फीसदी लोगों ने माना कि मायावती मुस्लिमों की बड़ी नेता हैं. वहीं प्रियंका गांधी को 7 फीसदी जबकि मुसलमानों के मुद्दों पर अक्सर मुखर दिखने वाले ओवैसी को 16 फीसदी लोगों ने मुसलमानों का बड़ा नेता माना.
अब तक के टिकट बंटवारे के हिसाब से मुस्लिमों का बड़ा नेता कौन?
अखिलेश 65 %
मायावती 12 %
प्रियंका 7 %
ओवैसी 16 %
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश विधानसभा की 403 सीटों में से करीब एक तिहाई यानी 143 विधानसभा सीटें ऐसी हैं, जहां मुस्लिम वोटरों का असर है. इनमें से 36 सीटें ऐसी हैं, जहां मुस्लिम उम्मीदवार अपने दम पर जीत सकते हैं. पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों के अलावा पश्चिमी यूपी में मुसलमानों की बड़ी मौजूदगी है. सिर्फ पश्चिमी यूपी में 26.21 फीसदी मुसलमान हैं. इस बार चुनाव में ओवैसी ने 100 सीटों पर लड़ने का एलान किया है, जिसके बाद मुस्लिम वोट बैंक पर तमाम पार्टियों की खास नज़र है.