ABP न्यूज़-सीएसडीएस सर्वे: आखिर जनता ने शिवराज सरकार से क्यों किया तौबा, यहां पढ़ें बड़ी बातें
कांग्रेस को 126 तो बीजेपी को 94 सीटें मिल सकती हैं. अब सवाल उठता है कि आखिर शिवराज सिंह चौहान के तमाम दावों के बाद भी जनता ने अपना मूड क्यों बदल लिया.
नई दिल्ली: पिछले कई चुनाव में जीत का स्वाद चख रही बीजेपी को मध्य प्रदेश में हार का मुंह देखना पड़ सकता है. एबीपी न्यूज़-लोकनीति सीएसडीएस के एग्जिट पोल के मुबाबिक 15 साल बाद मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बन सकती है. कांग्रेस को पूर्ण बहुमत मिलता दिखाई पड़ रहा है. कांग्रेस को 126 तो बीजेपी को 94 सीटें मिल सकती हैं. बता दें कि मध्य प्रदेश में सरकार बनाने के लिए 116 सीटें चाहिए. अब सवाल उठता है कि आखिर शिवराज सिंह चौहान के तमाम वादों और दावों के बाद भी जनता ने अपना मूड क्यों बदल लिया. यहां एबीपी न्यूज़-लोकनीति सीएसडीएस के सर्वे से जुड़े अहम बिंदुओं का जिक्र किया गया है.
एग्जिट पोल की बड़ी बातें:- 1. जनता के बीच कांग्रेस ज्यादा पसंदीदा पार्टी के तौर पर उभरी. 43 फीसदी वोट मिलने के आसार हैं. 2. बीजेपी को पसंद करने वाले कम हैं, इसलिए उन्हें 40 फीसदी वोट मिलने का अनुमान है. सर्वे में पाया गया कि सरकार के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर बहुत अधिक थी. सरकार से जनता की संतुष्टी काफी कम थी. 3. कांग्रेस मालवा नॉर्थ को छोड़कर सभी इलाकों में जीत दर्ज कर रही है. बीजेपी 6 से 5 इलाकों में बड़ी जीत दर्ज करती दिख रही है. 4. एक चौथाई मतदाता का मानना है कि उन्होंने कैंपेन शुरू होने से पहले ही अपना मन बना लिया था कि किसे वोट करना है. करीब 20 फीसदी जनता ने कैंडिडेट उतारे जाने के बाद किसे वोट देना इसका मन बनाया. 5. विकास, भ्रष्टाचार, गरीबी अहम मुद्दे रहे. जनता के बीच मोदी सरकार को लेकर भी संतुष्टि कम थी. 6. जनता के लिए वोट देने का आधार कैंडिडेट से ज्यादा अहम पार्टी थी. 7. बतौर सीएम शिवराज सिंह चौहान जनता की पहली पसंद बने हुए हैं. 5 से 2 लोगों ने उन्हें अपनी पहली पसंद बताया. 8. कांग्रेस की ओर से ज्योतिरादित्य सिंधिया, कमलनाथ और दिग्विजय सिंह (सब मिलकर) आधे वोटर की पसंद रहे. कांग्रेस में ज्योतिरादित्य सिंधिया पहली पसंद रहे. 9. निजी तौर पर लोगों में ज्योतिरादित्य सिंधिया, शिवराज सिंह चौहान से ज्यादा पसंद किए गए. जनता की पसंद में राष्ट्रीय नेता नरेंद्र मोदी, राहुल गांधी और अमित शाह के बजाए स्थानी नेता ज्यादा अहम थे.