नई दिल्ली: लोकसभा सीटों के लिहाज से देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में 7 चरणों में 11 अप्रैल से 19 मई तक चुनाव होंगे. इस बीच ABP न्यूज़ ने नीलसन के साथ मिलकर देश का मूड जानने की कोशिश की है. भारतीय राजनीति को लेकर हमेशा कहा गया है कि दिल्ली की सत्ता का रास्ता उत्तर प्रदेश से होकर ही गुजरता है और ये बड़ी हकीकत भी है. देश की सबसे बड़ी रियासत में जिस पार्टी का झंडा बुलंद होता है, उसकी गूंज दिल्ली तक सुनी जाती है. साल 2014 के लोकसभा चुनाव में एनडीए को यूपी की 80 में से 73 सीटों पर जीत मिली थी और उसने भारी बहुमत के साथ केंद्र में सरकार बनाई थी.


लेकिन सर्वे के मुताबिक यूपी में इस बार मायावती, अखिलेश यादव और अजित सिंह का महागठबंधन बीजेपी नीत एनडीए पर भारी पड़ सकता है. सर्वे के आंकड़ों के अनुसार यूपी से मोदी सरकार के चार मंत्री इस बार लोकसभा का चुनाव हार सकते हैं.


ये मंत्री हार सकते हैं लोकसभा चुनाव
महेश शर्मा, मनोज सिन्हा, सत्यपाल सिंह और निरंजन ज्योति इस बार लोकसभा चुनाव में अपनी सीट नहीं बचा पा रहे हैं. सर्वे में यह बात निकलकर सामने आई है. महेश शर्मा गौतमबुद्ध नगर से, सत्यपाल सिंह बागपत से, मनोज सिन्हा गाजीपुर से तो वहीं निरंजन ज्योति फतेहपुर से लोकसभा का चुनाव लड़ रही हैं.


ये मंत्री बचा सकते हैं अपनी सीट
सर्वे में पीएम नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री राजनाथ सिंह, मेनका गांधी, वीके सिंह, अनुप्रिया पटेल, कृष्णा राज और संतोष कुमार गंगवार की जीत का अनुमान हैं. इस बार उमा भारती चुनाव नहीं लड़ रही है लेकिन उनकी सीट झांसी को बीजेपी बचाने में कामयाब हो रही है. पीएम सहित यूपी से 12 मंत्री हैं.


पीएम मोदी वाराणसी से, राजनाथ सिंह लखनऊ से, मेनका गांधी सुल्तानपुर से, वीके सिंह गाजियाबाद से, अनुप्रिया पटेल मिर्जापुर से, कृष्णा राज शाहजहांपुर से, तो वहीं संतोष कुमार गंगवार बरेली से लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं. बता दें कि मेनका गांधी अभी पीलीभीत से सांसद हैं लेकिन इस बार उनकी सीट बदलकर उन्हें सुल्तानपुर से लोकसभा चुनाव लड़ाया जा रहा है. पीलीभीत से उनके बेटे वरुण गांधी चुनाव लड़ रहे हैं.


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