Adampur By-Election 2022: हरियाणा (Haryana) के आदमपुर विधानसभा सीट (Adampur Assembly Seat) के लिए हुए उपचुनाव का परिणाम रविवार को आएगा. इस सीट से हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भजन लाल (Bhajan Lal) के परिवार की प्रतिष्ठा दांव पर हैं. उपचुनाव में भजन लाल के पोते भव्य बिश्नोई (Bhavya Bishnoi) बीजेपी (BJP) के टिकट पर मैदान में हैं और उनका मुकाबला कांग्रेस (Congress) के जय प्रकाश (Jai Prakash), आप (AAP) के सतेंद्र सिंह (Satender Singh) और इनेलो के कुर्दा राम नंबरदार (Kurda Ram Nambardar) सहित 21 उम्मीदवारों से हैं.


भव्य बिश्नोई के पिता कुलदीप बिश्नोई के विधानसभा से इस्तीफा देने के बाद इस सीट पर उपचुनाव हुआ है. कुलदीप बिश्नोई ने 2019 के हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में इस सीट पर दिवंगत सोनाली फोगाट को हराया था, जो बीजेपी के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरी थीं. आदमपुर विधानसभा सीट से अब तक हरियाणा के पूर्व सीएम भजन लाल का परिवार ही जीतता रहा है. इसी सीट पर अब भजन लाल की तीसरी पीढ़ी के रूप में भव्य बिश्नोई चुनावी मैदान में हैं. साल 1968, 1972, 1977 और 1982 में भजन लाल यहां से विधायक चुने गए थे.


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कुलदीप बिश्नोई की पत्नी भी इस सीट से जीत चुकी हैं चुनाव
वहीं 1987 में भजन लाल की पत्नी जसमा देवी ने चुनाव जीता था. 1991 और 1996 में फिर से भजन लाल चुनाव जीते. 1998 में उपचुनाव हुए और कुलदीप बिश्नोई विधायक बने. फिर 2000 और 2005 में भजन लाल विधायक चुने गए. 2008 के उपचुनाव में भी भजन लाल ही जीते. 2009 के चुनाव में कुलदीप बिश्नोई की पत्नी रेणुका बिश्नोई चुनाव जीती. इसके बाद 2014 और 2019 में कुलदीप बिश्नोई चुनाव जीतकर विधायक बने.


2019 में लोकसभा चुनाव हार गए थे भव्य बिश्नोई
अब परिवार की इस चुनावी प्रतिष्ठा को भव्य बिश्नोई बचा पाते हैं या नहीं, यह तो रविवार को पता चल जाएगा. लेकिन 29 साल के भव्य बिश्नोई ने 2019 का लोकसभा चुनाव भी लड़ा था. वह हिसार से बीजेपी उम्मीदवार बृजेंद्र सिंह से चुनाव हार गए थे. वहीं हरियाणा कांग्रेस की पूर्व प्रदेशाध्यक्ष कुमारी सैलजा ने पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा के साथ तालमेल न बैठने पर इस्तीफा दे दिया था. 9 अप्रैल 2022 को सैलजा के इस्तीफे के बाद कुलदीप बिश्नोई अध्यक्ष पद के दावेदार थे. हालांकि, हुड्‌डा की चली और उदयभान अध्यक्ष बन गए. इस वजह से कुलदीप बिश्नोई ने कांग्रेस छोड़ दी. फिर वह बीजेपी में शामिल हो गए और यहां के विधायक पद से इस्तीफा दे दिया.