Lok Sabha Election 2019: महाराष्ट्र में शिवसेना और तमिलनाडु में एआईएडीएमके के साथ गठबंधन करके सत्ताधारी बीजेपी ने लोकसभा चुनाव की तैयारियां तेज कर दी हैं. तमाम सर्वे में माना जा रहा है कि बीजेपी को 3 राज्यों में हार और यूपी में एसपी-बीएसपी के गठबंधन से हिंदी हार्टलैंड में लोकसभा चुनाव के दौरान नुकसान झेलना पड़ सकता है. इस नुकसान की भरपाई बीजेपी ऐसे राज्यों में अपनी ताकत बढ़ाकर करना चाहती है, जहां उसे 2014 के लोकसभा चुनाव में कोई बड़ी कामयाबी नहीं मिली. मीडिया रिपोर्ट्स में भी दावा किया जा रहा है बीजेपी अब केरल और आंध्र प्रदेश में छोटी पार्टियों के साथ गठबंधन कर सकती है.


अंग्रेजी अखबार हिंदुस्तान टाइम्स से बात करते हुए बीजेपी के एक नेता ने कहा, ''उत्तर प्रदेश और बिहार में विपक्ष के एक साथ आने से मुकाबला कड़ा हुआ है. हमने जेडीयू और शिवसेना को जगह देने के लिए अपनी सीटों में कटौती की है. तमिलनाडु में गठबंधन का होना सत्ता वापसी में हमारे काम आ सकता है.''


केरल और आंध्र प्रदेश में हो सकता है गठबंधन


बीजेपी नेता के एक दूसरे नेता ने कहा, ''केरल में बीजेपी की यूनिट भारतीय धर्म जन सेना के साथ बात कर रही है. वो करीब 6 सीटों की मांग कर रहे हैं और बात चल रही है. कुछ निर्दलीय उम्मीदवारों को भी समर्थन किया जा सकता है.'' बीजेपी ने 2014 में राज्य की 20 में से 18 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे, पर एक को भी कामयाबी नहीं मिली.


हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक बीजेपी आंध्र प्रदेश में एक्टर से राजनेता बने पवन कल्याण की पार्टी के साथ गठबंधन कर सकती है. हालांकि इस बातचीत पर पार्टी की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है.


बीजेपी के एक केंद्रीय मंत्री ने ओडिशा, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल में फायदा होने की उम्मीद जताई है. महाराष्ट्र में बीजेपी को शिवसेना से गठबंधन करने के लिए बड़ी कीमत चुकानी पड़ी है. महाराष्ट्र में 2014 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 122 सीटों मिली थी, जबकि शिवसेना 63 सीटें ही जीती थी. इसके बावजूद शिवसेना ने बराबर सीटों पर समझौता तय किया है. इतना ही नहीं शिवसेना की मांग सीएम पद के लिए भी है.


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