महाराष्ट्र के डिप्टी चीफ मिनिस्टर अजित पवार ने बुधवार, 25 सितंबर को अपने राजनीतिक यात्रा, मुख्यमंत्री बनने की ख्वाहिश और महायुति को लेकर खुलकर चर्चा की. पांच बार के डिप्टी सीएम रह चुके अजित पवार ने यह बात जाहिर की कि उन्हें मुख्यमंत्री बनने की इच्छा है, लेकिन हर बार गाड़ी डिप्टी सीएम पद पर आकर अटक जाती है. इसके साथ ही उन्होंने महायुति गठबंधन को मजबूत बनाने और सत्ता में लाने के लिए हर संभव प्रयास करने की बात पर जोर दिया.


महायुति को सत्ता में लाने के फिर होगी कोशिश


दिल्ली में बुधवार, 25 सितंबर को इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में अजित पवार ने कहा "मैं मुख्यमंत्री बनना चाहता हूं, लेकिन हालात ऐसे हैं कि डिप्टी सीएम पद पर ही रुक जाता हूं, अब मैं क्या करूं."  उन्होंने स्पष्ट किया कि वह महायुति गठबंधन का हिस्सा हैं और इसे टूटने नहीं देंगे. पवार ने कहा, "हम महायुति में हैं और इसके साथ खड़े हैं. हमारी कोशिश महायुति की सरकार को फिर से सत्ता में लाने की है और हम यह जिम्मेदारी निभाएंगे.


बारामती चुनाव पर अफसोस


अजित पवार ने यह भी स्वीकार किया कि उन्होंने अपनी पत्नी सुनेत्रा पवार को बारामती से सांसद सुप्रिया सुले के खिलाफ खड़ा करने का जो कदम उठाया था, उस पर उन्हें खेद है. उन्होंने कहा, "मैंने गलती की थी और अब मुझे इसका अहसास है. यह बगावत नहीं थी बल्कि एक गलत निर्णय था."


इस बयान के बाद, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे गुट) ने दावा किया कि भाजपा और एकनाथ शिंदे की शिवसेना अजित पवार की राकांपा को सत्तारूढ़ गठबंधन से बाहर करने की कोशिश कर रही है. हालांकि अजित पवार ने साफ किया कि वह महायुति के साथ खड़े हैं और इसका साथ नहीं छोड़ेंगे. 


भविष्य की रणनीति


लोकसभा चुनावों में महाराष्ट्र में भाजपा के अपेक्षाकृत कमजोर प्रदर्शन के बावजूद, अजित पवार ने राज्य के विकास के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के साथ मिलकर वह राज्य के किसानों की समस्याओं का समाधान करने के लिए काम करेंगे. महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव जल्द ही होने की संभावना है, और इस बार चुनावी संघर्ष में अजित पवार की राजनीतिक भूमिका पर सभी की नजरें टिकी होंगी.


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