नई दिल्ली: यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पूरी तरह से चुनावी मूड में आ गये हैं. लखनऊ में उन्होंने बैठक करके 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव की रणनीति पर चर्चा की. इतना ही नहीं उनके समर्थक उन्हें प्रधानमंत्री बनाने के लिए गाना भी बाजार में लेकर आ गये हैं. लखनऊ में पार्टी नेताओं के साथ बैठक के बाद अखिलेश यादव ने एबीपी न्यूज को बताया कि लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी ने संगठन मजबूत करने का फैसला किया है.


इससे पहले अखिलेश बैलेट से चुनाव कराने की मांग को लेकर विपक्ष की मीटिंग कर चुके हैं. समाजवादी पार्टी लोकसभा टिकट के दावेदारों से आवेदन भी मंगा रही है. 31 जनवरी तक टिकट के दावेदारों को अपना दावा पार्टी दफ्तर में पेश करना है. चुनाव की तैयारियों के मद्देनजर ही समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव किसानों के मुद्दे पर 17 जनवरी को आंदोलन करने जा रहे हैं. लोकसभा और विधानसभा चुनाव में मिली करार हार के बाद अटकलें इस बात की है कि क्या 2019 में एसपी, बीएसपी और कांग्रेस साथ आएंगे?


2014 के लोकसभा चुनाव में समजावादी पार्टी का प्रदर्शन


2014 के लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी को पांच सीटें मिली थी. उस समय समाजवादी पार्टी का कांग्रेस से गठबंधन नहीं था. तब एसपी को 22 फीसदी वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस को 7.5 फीसदी वोट मिले. वहीं बीएसपी एक भी सीट नहीं जीती और उसके खाते में 19 फीसदी वोट आईं.


साल 2017 में एसपी और कांग्रेस ने मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ा था लेकिन जीत नहीं मिली. अब अगर बीएसपी साथ आ जाती है तो बीजेपी के लिए मुश्किल होगी. लेकिन जिस तरीके से सब अपने अपने संगठन को मजबूत करने में जुटे हैं उससे उम्मीद कम है कि एसपी और बीएसपी का गठबंधन हो पाए.