Akhilesh Yadav Contest from Karhal Seat: समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव में मैनपुरी जिले की करहल सीट से मैदान में उतरेंगे. वह पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़ेंगे. इससे पहले जब वह मुख्यमंत्री थे, तब वह विधान परिषद के सदस्य चुने गए थे. अखिलेश इस समय आजमगढ़ (Azamgarh) से सांसद हैं. करहल सीट पर आगामी 20 फरवरी को तीसरे चरण में मतदान होगा.
करहल विधानसभा सीट पर समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) का सात बार कब्जा रहा है. करहल सीट पर यादव मतदाताओं का दबदबा है. यहां इस बिरादरी की आबादी 28 प्रतिशत है. इसके अलावा इस क्षेत्र में अनुसूचित जाति की हिस्सेदारी 16 प्रतिशत, ठाकुर की 13 प्रतिशत, ब्राह्मण की 12 प्रतिशत और मुस्लिम मतदाता 5 प्रतिशत हैं. 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी की लहर के बावजूद सपा उम्मीदवार सोबरन यादव को एक लाख से ज्यादा वोट मिले थे और उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी प्रेम शाक्य को 38 हजार से ज्यादा मतों से हराया था. करीब 20 साल पहले 2002 में आखिरी बार बीजेपी इस सीट से जीती थी. उस वक्त सोबरन यादव बीजेपी के उम्मीदवार थे.
बीजेपी ने सेफ सीट चुनने पर उठाए सवाल
बीजेपी ने अखिलेश की करहल सीट से चुनाव लड़ने की घोषणा पर सवाल उठाए हैं. बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी (Rakesh Tripathi) ने कहा, "अखिलेश को अगर यह लगता है कि करहल उनके लिए सुरक्षित सीट है तो यह उनकी गलतफहमी है, जो विधानसभा चुनाव में दूर हो जाएगी. उनके पिता मुलायम सिंह यादव बीएसपी अध्यक्ष मायावती (Mayawati) की अपील के बाद किसी तरह से मैनपुरी लोकसभा सीट (Mainpuri Lok Sabha Seat) से चुनाव जीत पाए थे. इस बार भाजपा करहल में साइकिल को पंक्चर कर देगी ताकि वह एक्सप्रेस वे के रास्ते लखनऊ न पहुंच सके.”
बता दें, अखिलेश के पिता सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव फिलहाल मैनपुरी से सांसद हैं. वह पांचवीं बार यहां से सांसद चुने गए हैं. मैनपुरी सीट से पिछली नौ बार से सपा का ही सांसद चुना जाता रहा है. मुलायम का करहल से गहरा नाता है. उन्होंने यहीं के जैन इंटर कॉलेज से शिक्षा ग्रहण की थी और वह यहां टीचर भी रहे.
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